अनंत चतुर्दशी आज, भगवान अनंत देव की पूजा से होती हैं ये कामनाएं पूर्ण Muzaffarpur News

इसमें भगवान विष्णु की होती है पूजा। इसको करने से दरिद्रता का नाश दुर्घटनाओं व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से रक्षा और ग्रहों की बाधा दूर होती है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 08:29 AM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 06:12 AM (IST)
अनंत चतुर्दशी आज, भगवान अनंत देव की पूजा से होती हैं ये कामनाएं पूर्ण Muzaffarpur News
अनंत चतुर्दशी आज, भगवान अनंत देव की पूजा से होती हैं ये कामनाएं पूर्ण Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत किया जाता है। इस दिन अनंत के रूप में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा के बाद पुरुष दायीं और स्त्रियां बायीं भुजा में अनंत धारण करती हैं।

वास्तव में अनंत राखी के समान सूत या रेशम के कुमकुम रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें चौदह गांठें होती हैं। अनंत की ये चौदह गांठें चौदह लोकों की प्रतीक मानी गई है। जिसमें अनंत भगवान विद्यमान हैं। यह व्यक्तिगत पूजा है, इसका कोई सामाजिक या धार्मिक उत्सव नहीं होता। पंडित प्रभात मिश्र व सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित देवचंद्र झा बताते हैं कि भगवान सत्यनारायण के समान ही अनंत देव भी भगवान विष्णु के ही एक नाम हैं।

अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी पूजा से विशेष फल की प्राप्ति और जीवन से सभी कष्टों का नाश हो जाता है। इस बार यह 12 सितंबर को है। इस व्रत का जिक्र महाभारत में भी आता है। भगवान कृष्ण की सलाह पर पांडवों ने भी इस व्रत को उस समय किया था, जब वे वन-वन भटक रहे थे। इस व्रत के करने से दरिद्रता का नाश, दुर्घटनाओं व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से रक्षा और ग्रहों की बाधा दूर होती है। 

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