बाढ़ में डूब गए घर-बार, अब आ रही नाव बनानेवालों की याद Muzaffarpur News

14 मोटरबोट के अलावा जिले में महज 27 सरकारी नाव ही उपलब्ध। परिवहन विभाग ने डीएम से मांगी जिले में नौका निर्माताओं की सूची।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 05:32 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 05:32 PM (IST)
बाढ़ में डूब गए घर-बार, अब आ रही नाव बनानेवालों की याद Muzaffarpur News
बाढ़ में डूब गए घर-बार, अब आ रही नाव बनानेवालों की याद Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राज्य के कई जिलों में बाढ़ का पिछले कई दिनों से कहर जारी है। सैकड़ों गांव डूब गए। दर्जनों लोगों की डूबने से मौत हो गई। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इतना हो जाने के बाद परिवहन विभाग को अब नाव बनाने वालों की याद आई है। वह भी तब जबकि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले वर्ष ही इस बिंदु पर तैयारी करने को कहा था।

 राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने जिलाधिकारी को जारी निर्देश में कहा कि जिले के नौका निर्माताओं की सूची अविलंब भेजी जाए। ताकि, उन्हें राज्य स्तर से मानक नौका निर्माण के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके। यह निर्देश पिछले वर्ष दिसंबर में सुरक्षित नौका परिचालन विषय पर आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में दिए गए।

जिले में नावों की कमी का करना पड़ रहा सामना

जिले में तीन नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण दो सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मगर, जिला प्रशासन के पास मात्र 27 सरकारी नाव है। राहत व बचाव कार्य के लिए 46 निजी नाव व 14 मोटरबोट को लगाना पड़ा है। यहां सवाल उठ रहे कि यह सूची लेकर पहले से नौका का निर्माण कराया जाता तो प्रशासन को नावों की कमी नहीं होती। 

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