Shramik Special Train: ट्रेन में गूंजी किलकारी, दरभंगा की महिला ने बच्ची को दिया जन्म

सूरत से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक महिला ने बच्ची काे जन्म दिया। मजदूरों ने तालियां बजाकर इसका जश्न मनाया। महिला डॉक्टर ने पहुंच कर किया जांच जच्चा बच्चा दोनों स्वास्थ्य।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 07:24 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 07:24 PM (IST)
Shramik Special Train: ट्रेन में गूंजी किलकारी, दरभंगा की महिला ने बच्ची को दिया जन्म
Shramik Special Train: ट्रेन में गूंजी किलकारी, दरभंगा की महिला ने बच्ची को दिया जन्म

सीतामढ़ी, जेएनएन। a woman gave birth to girl child in train: लॉकडाउन के चलते रोजगार जाने, रहने खाने और घर जाने को लेकर हुईं मुश्किलों के बीच श्रमिक ट्रेन से घर लौट रही एक महिला ने ट्रेन में बच्ची को जन्म दिया। ट्रेन के कोच में किलकारी गूंज उठी और मजदूरों ने तालियां बजाकर इसका जश्न मनाया। रेलवे प्रशासन और डॉक्टर्स ने कहा कि महिला और नवजात के स्वस्थ होने पर ट्रेन में आगे का सफ़र करने दिया गया। यह मामला सूरत वाया दरभंगा सीतामढ़ी स्पेशल ट्रेन का है। 

जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ्य

ये ट्रेन अभी रक्सौल स्टेशन से काफी पहले थी, प्रसूता आरती देवी दर्द से कराहने लगी। महिला के पति दरभंगा जिला के रामभद्रपुर शोभनपट्टी निवासी शेखर झा उनके साथ थे। सभी लोग बेचैन थे, कुछ ही देर में बच्चे के रोने की आवाज आने लगी। ट्रेन सीतामढ़ी स्टेशन पहुंच भी गई। रेलवे कर्मचारी और डॉक्टर मौके पर पहुंचे। ट्रेन के कोच को खाली कराया और महिला डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा को देखा। नवजात बच्ची और महिला दोनों स्वस्थ और सुरक्षित थीं। लिहाजा उन्हें ट्रेन से ही आगे की यात्रा करने दी गई। डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि वे डिलीवरी के बाद रेलवे अस्पताल में वहां रहें लेकिन, दंपती घर पहुंचना चाहते थे। चूंकि, डॉक्टर मां और नवजात शिशु के स्वास्थ्य से संतुष्ट थे। लिहाजा उन्होंने उन्हें अपनी यात्रा जारी रखने की अनुमति दे दी। 

स्टेशन लाइव

सूरत से दरभंगा वाया सीतामढ़ी पहुंची आई ट्रेन अपराह्न 12:53 बजे सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पहुंची थी। प्लेटफार्म संख्या एक पर ट्रेन के रुकते ही मेडिकल टीम दौड़ी। दरभंगा जिला के रामभद्रपुर शोभनपट्टी निवासी शेखर झा गर्भवती पत्नी आरती देवी के साथ सूरत से घर लौट रहे थे। प्रसूता की पीड़ा रात में ही तेज हो गई। पूरी रात ट्रेन चलती रही, अगले दिन महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। रक्सौल से ट्रेन खुलने के बाद प्रसूत की वेदना और भी बढ़ गई थी। मगर, कहते हैं न कि जाके राखो साईयां, मार सके ना कोई...! किसी तरह सीतामढ़ी रेल प्रशासन को सूचना मिल पाई।

राजकीय रेल थानाध्यक्ष राज कुमार राम खुद भी अलर्ट हो गए। चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का इंतजाम कर ट्रेन के पहुंचने का इंतजार करने लगे। ट्रेन पहुंचने से पहले महिला बच्ची को जन्म दे चुकी थीं। केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से हजारों प्रवासी श्रमिक अपने घरों को लौट रहे हैं। इनमें से अधिकतर श्रमिक लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हो गए हैं और अपने घरों को लौट रहे हैं।

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