Vivah Shubh Muhurat 2019 : इस साल विवाह के लिए 17 दिन ही शुभ, देखें मुहूर्त Muzaffarpur News
Vivah Shubh Muhurat देवोत्थान एकादशी के बाद शादी के लिए करना होगा इंतजार। नवंबर और दिसंबर में 17 दिन हैं विवाह के मुहूर्त।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। चार महीने के बाद देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे। माना जाता है कि उनकेजागने के साथ ही सारे शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं। इस साल देवोत्थान एकादशी 8 नवंबर शुक्रवार को है, मगर ग्रहों के राशि परिवर्तन के चलते बताया जा रहा है कि इस बार विवाह के मुहू्र्त 19 नवंबर से रहेंगे। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पंडित रमेश मिश्र व हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रवि झा बताते हैं कि देवों के उठते ही शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। कारण कुंडली मिलान के बाद भाव व भावेश की स्थिति व ग्रहों की दशा के साथ शादी के शुभ मुहूर्त तय होते हैं।
इस बाद देवोत्थान एकादशी के पूर्व विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति राशि बदलकर 12 साल बाद अपनी ही राशि धनु में गोचर कर रहा है। बृहस्पति का धनु राशि में गोचर शुभ माना गया है। वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। देवोत्थान एकादशी के नौ दिन बाद ही सूर्य राशि बदलेगा। विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस बार विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।
देवोत्थान एकादशी के दिन विवाह मुहूर्त नहीं
आमतौर पर देवोत्थान एकादशी के दिन से ही शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं। पंडितों के अनुसार, कार्तिक मास की यह एकादशी अबूझ मुहूर्त होती है। जिसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा। विवाह के लिए लोगों को अभी दस दिन इंतजार करना होगा। देवोत्थान एकादशी के बाद पहला विवाह मुहूर्त 19 नवंबर को है। नवंबर में लगातार मुहूर्त हैं।
नवंबर और दिसंबर में 17 दिन हैं विवाह मुहूर्त
17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 19 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे। जो 15 दिसंबर तक रहेंगे। मिथिला व वाराणसी पंचांगों के अनुसार, इन दिनों में केवल 17 दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास होने के कारण इन दिनों में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 2020 में मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी से विवाह का दौर शुरू होगा। बताते चलें कि 11 जुलाई के बाद से विवाह के लिए मुहूर्त नहीं थे। जुलाई में पडऩे वाली देवशयनी एकादशी से नवंबर की देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। इसलिए इन चार महीनों में विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता है।
विविध पंचांगों के मुताबिक, इस साल विवाह के मुहूर्त
नवंबर में : 19, 20, 21, 22, 24, 27, 28, 29 और 30
दिसंबर में : 1, 2, 5, 6, 7, 8, 11 और 12