लर्न एंड अर्न स्कीम खोलेगी जीवकोपार्जन के द्वार

मुजफ्फरपुर, संवाद सहयोगी : लर्न एंड अर्न स्कीम ने छात्राओं के लिए जीवकोपार्जन के द्वार खोले हैं। इ

By Edited By: Publish:Sat, 25 Apr 2015 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2015 01:01 AM (IST)
लर्न एंड अर्न स्कीम खोलेगी जीवकोपार्जन के द्वार

मुजफ्फरपुर, संवाद सहयोगी :

लर्न एंड अर्न स्कीम ने छात्राओं के लिए जीवकोपार्जन के द्वार खोले हैं। इसे वे घर में भी उपजा कर पैसे कमा सकती हैं। ये बातें शुक्रवार को एमएसकेबी कॉलेज की प्राचार्या निर्मला सिंह ने कहीं। वे बॉटनी विभाग में एक्जीवीशन ऑफ मशरूम ग्रोन विषय पर आयोजित परिचर्चा में कहीं। कहा कि इनकी मेहनत 20-25 दिनों में रंग लाई। बॉटनी के डॉ. विमल कुमार सिन्हा ने बताया कि छात्राओं ने मशरूम की खेती की महत्ता बताई। डॉ. राधा सिन्हा ने बताया इसकी खेती पॉश सोसाइटी के साथ आम लोगों को भी आसानी से मशरूम उपलब्ध होगा। डॉ. पूनम वर्मा ने कहा कि आने वाले समय में मशरूम की खेती में इन छात्राओं का विशेष योगदान होगा। मौके पर डॉ. प्रभात सिन्हा, डॉ. मनेंद्र, डॉ. पूनम सिंह, निशांत शेखर आदि उपस्थित थे।

खेती के गुर के साथ बताई खूबियां

प्रीतम, जेवा, बुसरा, आमना, गजाला समेत अन्य छात्राओं ने खेती के गुर बताए। साथ ही इसमें पाए जाने वाले तमाम प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स आदि के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया।

बड़े पैमाने पर खेती में जुटीं छात्राएं

छात्राओं द्वारा मशरूम की पहली खेती से पूरा महाविद्यालय परिवार खुश है। वहीं छात्राएं तैयार पौधों से स्पोर तैयार कर बड़े पैमाने पर खेती करने की तैयारी में जुटीं हैं।

क्या है लर्न एंड अर्न स्कीम

इसके तहत मशरूम खेती की एक योजना शुरू की गई। 12 मार्च को 20 छात्राएं बॉटनी विशेषज्ञों के साथ पूसा एग्रीकल्चर विवि से मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर लौटी। इसके तहत कॉलेज में उन्होंने खेती की। 20-25 दिनों में ही पौधे लहलहाने लगे। छात्राओं ने तैयार मशरूम को कॉलेज के प्राध्यापक व प्राध्यापिकाओं को बेचकर पैसे भी अर्न किए।

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