अंगारों पर भी गूंजा 'या हुसैन'

जासं, मुजफ्फरपुर : 'नाम शब्बीर का तासीर दिखा देता है, जलते अंगारों को भी ये फूल बना देता है।' शनिवार

By Edited By: Publish:Sun, 14 Dec 2014 01:11 AM (IST) Updated:Sun, 14 Dec 2014 01:11 AM (IST)
अंगारों पर भी गूंजा 'या हुसैन'

जासं, मुजफ्फरपुर : 'नाम शब्बीर का तासीर दिखा देता है, जलते अंगारों को भी ये फूल बना देता है।' शनिवार की देर रात कमरा मोहल्ला स्थित नवाब तकी खां इमामबाड़ा का मैदान एक बार फिर इमाम हुसैन के लिए जान कुर्बान कर देने के जज्बे का गवाह बना। यहां आग मातम में शिया समुदाय ने दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलकर यह साबित किया कि इमाम के लिए हर जख्म व दर्द मंजूर है। आग पर से सबसे पहले हजरत अब्बास का अलम थामे मुजफ्फर हुसैन जाफरी गुजरे। उसके बाद 'नाम-ए-हुसैन लेकर जो चलते हैं आग पर, अरमान उनके दिल के निकलते हैं आग पर' की अकीदत के साथ बच्चे, बूढ़े व जवान सभी या हुसैन की सदा लगाते अंगारों से गुजरे। इससे पूर्व नवाब हज्जू खां के इमामबाड़ा में आयोजित आग की मजलिस को मौलाना जाबिर जौराशी ने खिताब किया। संचालन सैयद यावर हुसैन ने किया।

खेमे में करबला का मंजर

नहर-ए-फरात कमेटी द्वारा खेमा बना कर 61 हिजरी के करबला के मंजर को दर्शाया गया था। खेमे में इमाम हुसैन, हजरत गाजी अब्बास, हजरत कासिम एवं अन्य शहीदों का खेमा था। शहीदों के खेमे नहर-फरात के किनारे बनाए गए थे। 72 शहीदों के लिए पानी बंद होने का मंजर भी दिखाया गया था। शहादत को बयान करते दृश्यों को देख कर लोगों का कलेजा मुंह को आ रहा था।

कोल्हुआ में अंगारों को रौंदा

कोल्हुआ पैगम्बरपुर में भी आग मातम हुआ। हजरत कासिम का ताबूत व हजरत अब्बास का अलम भी निकाला गया। मजलिस को मुजफ्फरनगर यूपी से आए मौलाना नकी मेहंदी जैदी ने खिताब किया।

ब्रह्मापुरा से निकला 'जुल्फेखार'

ब्रह्मापुरा से इमाम हुसैन की तलवार 'जुल्फेखार' का जुलूस निकला। मासूम अली असगर व हजरत अब्बास के अलम जुलूस में शिया समुदाय ने मातम किया।

हसनचक बंगरा से

निकला मातम जुलूस

हसनचक बंगरा से जुलूस निकाला गया। इमाम हुसैन की मोहब्बत में शिया समुदाय ने ब्लेड, जंजीर व तलवार से अपने जिस्म से खून बहाए। हजरत अब्बास का अलम जुलूस भी निकाला गया। या हुसैन की सदा से इलाका का चप्पा-चप्पा गूंज उठा। मजलिस को मौलाना शमसी रजा ने खिताब किया।

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इनसेट :

चेहल्लुम पर आज

मातम जुलूस

चेहल्लुम के मौके पर आज शिया समुदाय द्वारा मातम जुलूस निकाला जाएगा। समुदाय के लोग ब्लेड, जंजीर, चाकू, तलवार आदि से अपने जिस्म को लहूलुहान करेंगे। कमरा मोहल्ले से दोपहर बाद मातमी जत्था निकलेगा। इसमें ब्रह्मापुरा, कोल्हुआ पैगम्बरपुर, हसनचक बंगरा, मोहम्मदपुर मोबारक आदि जगहों के शिया समुदाय के लोग शामिल होते हैं। वहीं नवाब रोड चंदवारा स्थित सैयद वारिस हुसैन मोबारक के अजाखाने में इमाम हुसैन की सवारी जुलजनाह का जुलूस निकाला जाएगा। इस मजलिस को मौलाना सैयद अकील अब्बास खिताब करेंगे। वहीं सुन्नी समुदाय द्वारा रविवार को अखाड़ा जुलूस निकाला जाएगा। देर शाम विभिन्न मोहल्लों से अखाड़ा जुलूस विभिन्न राहों पर खेल का प्रदर्शन करते हुए सरैयागंज टावर जाएगा।

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