अतिक्रमण और जलापूर्ति संकट की जद में तिलकामांझी इलाका

तिलकामांझी इलाका मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। वार्ड 32 में पड़ने वाले इसके अधिकतर मोहल्लों में अब तक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 01:51 AM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 06:14 AM (IST)
अतिक्रमण और जलापूर्ति संकट की जद में तिलकामांझी इलाका
अतिक्रमण और जलापूर्ति संकट की जद में तिलकामांझी इलाका

भागलपुर। तिलकामांझी इलाका मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। वार्ड 32 में पड़ने वाले इसके अधिकतर मोहल्लों में अब तक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। सबसे बुरा हाल हटिया रोड का है जहां अधिकतर गलियों में फुटकर विक्रेताओं का कब्जा है। सड़क पर सब्जी की दुकानें सजती हैं। इस कारण 30 फीट चौड़ी सड़क पांच फीट में सिमट गई है। हाल यह है कि शाम के समय वाहन तो दूर पैदल चलना भी यहां मुश्किल हो जाता है।

इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है। हटिया रोड में नर्सिग होम के साथ ही पांच दर्जन से अधिक डॉक्टरों के क्लीनिक हैं। अतिक्रमण की वजह से एंबुलेंस के आने-जाने में दिक्कत होती है। आवागमन व्यवस्थित करने के लिए पार्षद और चिकित्सक कई बार डीएम और एसडीओ को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक इसका संज्ञान नहीं लिया है।

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आधी आबादी तक नहीं पहुंचा पेयजल

शिव भवन कंपाउंड, लालबाग, नवाबबाग और हटिया रोड मोहल्ले में जलापूर्ति पाइप नहीं बिछाया गया है। बैंक कॉलोनी में पाइप बिछाया तो गया लेकिन इसके लिए खोदी सड़क को उसी दशा में छोड़ दिया गया। वार्ड की 30 फीसद आबादी को बरारी वाटर व‌र्क्स से जलापूर्ति होती तो है पर बदबूदार। लोगों को बाजार से पानी खरीदना पड़ता है।

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प्याऊ पर लाखों खर्च, आमजनता को नहीं मिला लाभ

वार्ड 32 की आधी से अधिक आबादी जलापूर्ति सुविधा से वंचित है। कहने को यहां पांच प्याऊ हैं लेकिन इनमें से दो खराब हैं। इशाकचक थाना मार्ग में नगर निगम ने पांच लाख की लागत से 2017 में प्याऊ का निर्माण कराया था। अब तक इससे एक बूंद पानी नहीं टपका। तत्कालीन नगर आयुक्त ने निर्माण कार्य के जांच के आदेश दिए थे। अब तक संवेदक पर कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस लाइन के पीछे प्याऊ का बोरवेल ध्वस्त हो गया है। वहीं तिलकामांझी चौक के प्याऊ पर स्थानीय दुकानदारों का कब्जा है।

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20 दिनों से जलापूर्ति ठप, निगम उदासीन

लालबाग स्थित जज कॉलोनी में 20 दिनों से जलापूर्ति बोरिग ठप है। इसे दुरुस्त करने में निगम की जलकल शाखा नाकाम रही है। इससे जज कॉलोनी, लालबाग, सैंडिस कंपाउंड के सामने व तिलकामांझी हटिया रोड की घनी आबादी प्रभावित हो रही है। पार्षद हंसल सिंह ने बताया कि जलकल अधीक्षक हरेराम चौधरी से शिकायत की थी। नगर आयुक्त द्वारा पंप मरम्मत के लिए राशि आवंटन नहीं करने की बात कह वे टालमटोल कर रहे हैं।

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स्लम बस्ती में सुविधा नहीं

इशाकचक थाने के समीप एक हजार की आबादी वाली स्लम बस्ती में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। न तो सामुदायिक शौचालय है न जलापूर्ति की कोई व्यवस्था। इस मार्ग में नाला निर्माण नहीं होने से जलजमाव की समस्या बनी रहती है।

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यह योजना भी लंबित

तिलकामांझी चौक से हटिया रोड तक नाला निर्माण के लिए 19 लाख रुपये की निविदा 2018 में हुई। एक सौ फीट गड्ढा खोदकर संवेदक भाग गया। तिलकामांझी थाना मार्ग में 23 लाख की लागत से नाला निर्माण की योजना दो वर्षो से लंबित है। वहीं नवाबबाग में नाला निर्माण की निविदा प्रक्रिया आठ माह पहले पूरा होने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ।

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लोगों की राय :

मयंक देव : हटिया रोड में अतिक्रमण की वजह से पैदल चलना मुश्किल है। फुटकर विक्रेता को वेंडिंग जोन में व्यवस्थित करना चाहिए। निगम इस दिशा में पहल करे।

संजू कुमारी : बरारी वाटर व‌र्क्स से बदबूदार जलापूर्ति हो रही है। इससे घरेलू कार्य भी नहीं किया जा सकता। बाजार से पानी खरीदने को विवश हैं।

शंकर साह : हथिया नाला का निर्माण नहीं होने से बरसात में जलजमाव हो जाता है। इसका असर गली-मोहल्ले पर पड़ता है। इस दिशा में कार्य करना होगा।

सोनू घोष : पैन इंडिया ने वार्ड की सड़कों को पाइप बिछाने के लिए खोद दिया। ना पाइप बिछा ना ही मलवा हटाया गया। लोगों को आवागमन में समस्या हो रही है।

नंदलाल पासवान : पुलिस लाइन के प्याऊ निर्माण की जांच होनी चाहिए। इससे एक बूंद पानी लोगों को नसीब नहीं हुआ। जबकि इससे स्लम बस्ती के एक हजार लोग जुड़े हैं।

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बोले पार्षद :-

हम लगातार पत्राचार कर निगम प्रशासन को समस्या से अवगत कराते रहे हैं। निगम बोर्ड व स्थायी समिति के प्रस्ताव का भी अनुपालन नहीं होता है। टालमटोल की मानसिकता से निगम का कामकाज चल रहा है।

- हंसल सिंह, पार्षद, वार्ड 32

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