हिदू-मुस्लिम एक रहें तभी हिन्दुस्तान का होगा विकास : हजरत वली रहमानी
संवाद सूत्र मुंगेर बेलन बाजार स्थित रहमानी फाउंडेशन के सभागार में हजरत मौलाना मु. अली म
संवाद सूत्र, मुंगेर : बेलन बाजार स्थित रहमानी फाउंडेशन के सभागार में हजरत मौलाना मु. अली मुंगेरी रहमतुल्ला अलैह की जीवनी पर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव सह इमारते शरिया के अमीर हजरत मौलाना वली रहमानी ने की। मंच संचालन जेनरल सेक्रेटरी रउफ रहमानी ने किया। इस अवसर पर पांच किताबों का लोकार्पण किया गया। सेमिनार में देश के लगभग 200 बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। सेमिनार में मौलाना मुंगेरी की जीवनी पर चर्चा करते हुए वली रहमानी ने कहा कि आज का जो सियासी महौल है। वह बहुत ही चितनीय है। देश में भ्रष्टाचार काफी हद तक बढ़ा है। इस मुल्क की सबसे बड़ी जरूरत है कि हिदू-मुस्लिम एकता। हिदू मुस्लिम एक रहें, तभी हिन्दुस्तान का विकास होगा। अब्दुल रउफ रहमानी ने कहा कि हजरत मौलाना मुंगेरी ने खानकाह रहमानी का स्थापना की। हिंदुस्तान के जंगे आजादी के सिलसिले में महात्मा गांधी ने खानकाह रहमानी आ कर उनसे बातचीत की थी कि मुल्क के अंदर तहरीर कैसे चलाई जाए। उन्होंने जो सोच दी थी, उसी पर गांधी जी, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, खान अब्दुल गफ्फर, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद यह तमाम लोग खानकाह में आकर हफ्तों तक रहें। जंगे आजादी के लिए मु. मुंगेरी के पैगाम के साथ बेपनाह काम हुआ। बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कय्युम ने कहा कि उर्दू सबसे आसान भाषा है। इसे लिखना बोलना आसान है। उर्दू के साथ अंग्रेजी भी सीखनी चाहिए। 1857 में जब अंग्रेज भारत आए तो अपनी सुरक्षा के लिए जगह-जगह शिक्षण संस्थान खोले गए। इस अवसर पर बांदा यूपी से ओबैदुल्ला असदी, देवंद अबुल हसन आजमी, इमरानुल्ला कासमी, इम्तजियाज कासमी, आरीफ जमील आदि ने भी अपने विचारों को सामने रखा।