अब जर्मनी को टक्कर देगा जमालपुर निर्मित सुमीलेटर

By Edited By: Publish:Fri, 11 Oct 2013 10:22 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2013 10:22 PM (IST)
अब जर्मनी को टक्कर देगा जमालपुर निर्मित सुमीलेटर

केएम राज, जमालपुर (मुंगेर) :

अब सुमीलेटर (ट्रेनिंग लोको पायलट इंजन) के लिए भारतीय रेल को जर्मनी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जमालपुर रेल इंजन कारखाना में सीडब्ल्यूएम अमिनेष कुमार सिन्हा की अगुवानी वाली टीम ने मिनी सुमीलेटर को मात्र 15 लाख में बनाकर इतिहास रचने का काम किया है। अब से पहले सुमीलेटर का निर्माण प्राय: विदेशों में ही किया जाता रहा है, जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपये आती है।

रेलवे बोर्ड व मंत्रालय से इस मिनी सुमीलेटर को हरी झंडी मिल चुकी है। आने वाले दिनों में भारतीय रेल के सभी 70 डिविजन में जमालपुर मिनी सुमीलेटर की आपूर्ति तीन से चार माह के अंदर करने में पूरी तरह सक्षम होगा। हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में लगी प्रदर्शनी में यहां के मिनी सुमीलेटर का मॉडल पेश किया गया था। रेलमंत्री के अलावा डीजल इंजन ड्राइवर के हेड विवेक कुमार, बोर्ड के डायरेक्टर मनीष जैन, चीफ सीएमई सुभांसु, जर्मनी के डायरेक्टर मिस्टर वाई, अपर सदस्य यांत्रिक हेमंत कुमार, डायरेक्टर रेलवे बोर्ड अर्चना मित्तल आदि ने सुमीलेटर को चलाकर इसकी सराहना की थी। इंटरनेशनल रेलवे इक्यूमेंट प्रदर्शनी में सिर्फ जर्मन व जमालपुर के दो सुमीलेटर का मॉडल लगा था। बड़ी खासियत यह है कि जर्मनी जो मिनी सुमीलेटर बनाता है, उसकी कीमत डेढ़ करोड़ आती है। जबकि जमालपुर कारखाना सिर्फ 15 लाख में सुमीलेटर तैयार किया है। जमालपुर की इस उपलब्धि को जर्मनी, रूस, इटली, सिंगापुर, हौलैंड, स्पेन, चायना, जापान, स्वीटजरलैंड, चेकोस्लाविया, अमेरिका, फिनलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, कोरिया, फ्रांस सहित अन्य देशों ने भी सराहा है।

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कोट :-

जमालपुर रेल कारखाना के अधिकारी व कर्मचारियों की मेहनत से यह संभव हो पाया है। इसका इस्तेमाल भारतीय रेल के हर ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर में होगा, जहां 95 फीसद कार्य सुमीलेटर कर सकेगा। यह सुमीलेटर सस्ता, सुंदर व टिकाऊ है। इसलिए यूनीवर्सिटी ऑफ टेक्सास यूएसए ने देश विदेश के दस प्रोजेक्ट में इसे शामिल किया है।

अनिमेष कुमार सिन्हा, मुख्य कारखाना प्रबंधक

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