वर्षो बाद भी स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा

लोकसभा आम चुनाव का बिगुल बजते ही आमलोगों के बीच चुनावी चर्चा गरमाने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Apr 2019 10:55 PM (IST) Updated:Sat, 13 Apr 2019 10:55 PM (IST)
वर्षो बाद भी स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा
वर्षो बाद भी स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा

मधुबनी। लोकसभा आम चुनाव का बिगुल बजते ही आमलोगों के बीच चुनावी चर्चा गरमाने लगी है। वोटर झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से उनके द्वारा पूर्व में किए गये वादे पूरे नहीं करने पर विकास का हिसाब-किताब लेने के मूड में हैं। झंझारपुर संसदीय क्षेत्र के लदनियां प्रखंड अंतर्गत खाजेडीह प्लस टू हाई स्कूल खेल मैदान में करीब 50 लाख राशि की लागत से निर्माण हो रहे 10 वर्षों से आधे-अधूरे स्टेडियम इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। इस क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि युवा खेल और संस्कृति विभाग से निर्माणाधीन स्टेडियम को निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए विधायक व सांसद द्वारा प्रभावकारी कदम नहीं उठाया जा सका। जबकि इस क्षेत्र के विधायक व सांसद सत्ताधारी दल के रह चुके हैं। करीब चार वर्ष पूर्व क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री ने महथा गांव में अपने नागरिक सम्मान में अधूरे स्टेडियम के निर्माण कार्य को पूरा करने की घोषणा की थी। अपने घोषणा को पूरा करवाने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं। रपट इंद्रमोहन मिश्र की।

----------------- काफी प्रयास के बावजूद स्टेडियम अधूरा :

खाजेडीह लदनियां प्रखंड के लदनियां प्रखंड के मध्य में स्थित है। यहां संस्कृत कालेज, इंटर कालेज, बालिका प्लस टू स्कूल, डिग्री कालेज, बालक प्लस टू स्कूल के अलावा दर्जन भर निजी स्कूल रहने से यहां शैक्षणिक माहौल है। प्रखंड क्षेत्र में सबसे बड़ा खेल मैदान खाजेडीह हाई स्कूल के पास ही है। समय समय पर क्रिकेट व फुटबॉल मैच के अलावा आम सभा व चुनावी सभा मुख्य रूप से इसी मैदान में आयोजित होता है। वित्तीय वर्ष 2009-2010 में युवा खेल एवं संस्कृति विभाग से उक्त मैदान में करीब 29 लाख रुपये की लागत से स्टेडियम निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। 2009 में ही तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक व पंचायतीराज मंत्री ने शिलान्यास किया। उक्त योजना का कार्य एजेंसी स्थानीय अभियंत्रण संगठन मधुबनी 1 के कार्यपालक अभियंता को बनाया गया। संवेदक के लापरवाही एवं कार्य एजेंसी के उदासीनता के कारण समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। पुन: स्टीमेट रिवाइज के लिए विभाग को भेजा गया। रिवाइज स्टीमेट के आलोक में फिर से निर्माण कार्य शुरू हुआ। न जाने किस परिस्थिति में संवेदक निर्माण कार्य आधा-अधूरा छोड़कर चम्पत हो गया। स्थानीय लोगों के शिकायत को कार्यपालक अभियंता गम्भीरता से नहीं लिया। करीब 10 वर्षों के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका।

--------------------- शीघ्र निर्माण का दिया था निर्देश :

नोनदरही गांव के समाजसेवी विष्णुदेव भंडारी ने जिला लोक शिकायत निवारण अधिकार पदाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया। जिसमें शीघ्र निर्माण कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया। निर्देश के अनुपालन नहीं होने पर उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव के यहां द्वितीय अपील की। उन्होंने स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए करीब 20 लाख राशि आवंटन भवन निर्माण विभाग के नाम करने का आदेश निर्देशक को दिया। साथ ही भवन निर्माण कार्य पूरा करवाने का निर्देश डीएम मधुबनी को दिया। आवंटित राशि को पेंच में फंसा कर मार्च 2018 में पुन: विभाग को लौटा दिया।

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जनप्रतिनिधियों को विकास से मतलब नहीं

मैं क्षेत्रीय समस्या को लेकर जनता जनार्दन से रूबरू होने खाजेडीह पहुंचा। समय करीब 2 बज रहा था। देखा कि खाजेडीह हाई स्कूल बगल में दुर्गा मंदिर परिसर स्थित चबूतरा पर कुछ लोग बैठे हैं। जो स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछने को लेकर आपस मे चर्चा कर रहे हैं। चर्चा में भाग में भाग लेते हुए पूर्व सरपंच दसई चौधरी कर रहे थे कि सरकार तो विकास के नाम पर चुनाव में वोट बटोरने की बात करती है। सांसद या विधायक 10 वर्षों से अधूरा स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा नहीं करा सके। जिससे बच्चों को खेलने में भारी कठिनाई होती है।

रंजीत कुमार यादव ने इसे आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस प्रखंड क्षेत्र में सबसे बड़ा खेल मैदान खाजेडीह हाई स्कूल के पास है। चुनावी सभा हो या कोई क्रिकेट या फुटबॉल मैच अधिकतर इसी मैदान में होता है। स्टेडियम निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद खेल मैदान दो भाग में बंट गया। सब स्कूली छात्रों को कोई भी खेल खेलने में परेशानी होती है। सरकार या सांसद विधायक अधूरा स्टेडियम को निर्माण पूरा कराने के प्रति ठोस कदम नहीं उठा सके हैं। शोभित कामत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि 10 वर्षों के बाद भी स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा नहीं होना विकास की पोल खोलता है।

नागेंद्र यादव ने कहा कि एक तरफ बच्चों को खेल के प्रति उत्साहित करती है। दूसरी तरफ स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए गंभीर नहीं है। बेचन कामत का कहना था कि 10 वर्षों के बाद भी स्टेडियम अधूरा है। सांसद व विधायक चुप्पी साध कर बैठे हैं। बौकू राय का कहना था कि स्टेडियम निर्माण लगता है कि अब पूरा नहीं होगा। इस मैदान में मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री कई बार सभा मे भाग लिए। किसी ने अधूरा स्टेडियम को पूरा कराने के उचित कार्रवाई नहीं किया।

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