दभाड़ी गांव में कई विकास योजनाओं की गति धीमी

वर्तमान समय में भी प्रखंड के दर्जनों गांव आधुनिक सुख सुविधाओं से वंचित हैं। गांवों की दशा देख सहसा यकीन नहीं होता है की हमारे देश को आजादी मिले 70 वर्षों से अधिक हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Aug 2018 10:52 PM (IST) Updated:Sat, 18 Aug 2018 10:52 PM (IST)
दभाड़ी गांव में कई विकास योजनाओं की गति धीमी
दभाड़ी गांव में कई विकास योजनाओं की गति धीमी

मधुबनी। वर्तमान समय में भी प्रखंड के दर्जनों गांव आधुनिक सुख सुविधाओं से वंचित हैं। गांवों की दशा देख सहसा यकीन नहीं होता है की हमारे देश को आजादी मिले 70 वर्षों से अधिक हो गया है। राज्य व केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के द्वारा गांवों की हालत में सुधार करने की कोशिश की जा रही है लेकिन गति धीमा रहने से विकास दिख नहीं रहा है।

लगभग 17 सौ वोटरों वाले इस गांव में पंचायत के कुल चार वार्ड आते हैं। इस गांव में भवन होते हुए भी दो भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्र है। गांव में एक भी उच्च विद्यालय नहीं है। गांव में सभी परिवारों के लिए शौचालय की पर्याप्त सुविधा नहीं है । गांव में लगभग 55 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। गांव के लगभग पांच दर्जन लोग सरकारी सेवा में रहे हैं। यहां लगभग 18 से 20 घंटे बिजली रहती हैं जो पंडौल के लोहट फीडर से आती है। लगभग चार सौ बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में शहर से गांव तक भटक रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय के निकट होने के बावजूद गांव का विकास मंद रहा है। इस गांव की मुख्य सड़क की हालत पहले से काफी बेहतर है। गांव में स्वास्थ्य केन्द्र नहीं रहने से लोगों को काफी कठिनाइयां हो रही है। वहीं गांव में इलाहाबाद बैंक की ग्राहक सेवा केन्द्र है। उक्त गांव को कलाकारों का गांव कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । चूकि यहां दर्जनों मूर्तिकार रहते हैं जो सभी तरह के त्यौहारों में भगवानों की मूर्तिंयां बनाते हैं। कहते है ग्रामीण गांव में जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहने के कारण जल जमाव गंभीर समस्या बनी हुई है । गांव की छोटी छोटी ¨लक रोड आज तक पक्की नहीं हो पाई है । जल निकासी नाले की आवश्यकता है ।

रंजीत झा पप्पू

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गांव में उच्च विद्यालय नहीं रहने के कारण यहां के बच्चों को पढ़ने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में पुराना पंचायत भवन है जिसे स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है जहां कई गलत काम होते हैं ।

राकेश चन्द्र झा

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कृषि यहां के लोगों का मुख्य पेशा है फिर भी किसानों के हितों के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। यहां आधे से अधिक परिवार राशन कार्ड से वंचित हैं। 70-80 वर्ष के वृद्धावस्था पेंशन के लिए दर दर भटक रहे हैं पर नहीं मिल पा रही है ।

राजेन्द्र मुखिया

------------- पिछले एक दशक से गांव के सड़कों का विकास नहीं हुआ है। विद्यालय में संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है। यह विकास की अति आवश्यकता है।

मंतोष कुमार झा

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सात निश्चय योजना के तहत छोटी बड़ी सड़कें बनाना,गांव में हर घर नल का जल योजना से घर घर पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य है । गांव में शत प्रतिशत शौचालय निर्माण कर पंचायत को स्वच्छता अभियान में अव्वल आना है । गांव के विकास के लिए हर किसी को मिलजूल कर काम करना होगा।

जेबा जबीन,मुखिया

फोटो 18एमडीबी32

------------- आंकड़ों में गांव --गांव का नाम -- दभाड़ी ---पंचायत -- संकोर्थू ----वार्ड-- चार -गांव की आबादी --1700

-मतदाता -- 3700

-साक्षरता -- 55 प्रतिशत

- स्कूल -- तीन

-सामुदायिक भवन-- दो

-आंगनबाड़ी केन्द्र -- दो

-सरकारी सेवा में -- पांच दर्जन

-बेरोजगार -- चार सौ

-बैंक-- इलाहाबाद बैंक की ग्राहक सेवा केन्द्र

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