नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का श्री गणेश

लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा का अनुष्ठान रविवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। छठ पूजा को लेकर गेहूं सूखाने का कार्य शुरु हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 12:45 AM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 12:45 AM (IST)
नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का श्री गणेश
नहाय-खाय के साथ छठ पूजा का श्री गणेश

मधुबनी । लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा का अनुष्ठान रविवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। छठ पूजा को लेकर गेहूं सूखाने का कार्य शुरु हो गया। व्रतियों द्वारा नहाय-खाय के दिन स्थानीय नदी, तालाब में स्नान कर कद्दू-भात ग्रहण करेगी। खरना अनुष्ठान के दिन गुर खीर व पूरी भोग लगाया जाएगा। नहाय-खाय अनुष्ठान के लिए कद्दू की भारी मांग को देखते हुए इसकी कीमत आसमान छूती रही। शहर के गिलेशन बाजार में 50 से 60 रुपये तथा स्थानीय स्टेशन चौक पर 60 से 70 रुपये प्रति पीस के दर पर कद्दू की बिक्री होती रही। महिलाओं का रुख बाजार की ओर नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले छठ पर्व की खरीदारी को लेकर फल, किराना, कपड़े बाजार में भीड़ बढने लगी है। किनारे बांस के सामान में सूप, टोकरी, डगरा, कोनिया आदि की बिक्री शुरु हो गई है। वही प्रसाद के लिए नारियल, गुड़, मैदा, चीनी, आटा सहित अन्य वस्तुओं में केला, जल ¨सघारा, शकरकंद, सुथनी सहित अन्य फलों की मांग बढ़ गई है। बाजार में छठ पूजा के लिए कच्चा हल्दी, अदरख, मूली, बद्धी, खाजा, सेब, नारंगी, जल ¨सघारा, नारियल, डाभ नींबू सहित अन्य सामान की खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। फल, केला बाजार की शोभा बढ़ा रहा है। छठ पर गांव-घर पहुंचने वालों में खुशी छठ पूजा पर महानगरों से अपने गांव लौटने वालों का तांता देखने को मिल रहा है। स्थानीय रेलवे स्टेशन व निजी बस पड़ाव पर बाहर से यहां पहुंचने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है। घर पहुंचने वालों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है। देश के विभिन्न शहरों से गांव लौटने वालों के लिए जयनगर तक स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं होने से यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। आकर्षक चूड़ी-लहठी की बढ़ी मांग छठ पूजा पर नई चूड़ी-लहठी पहने की प्राचीन परंपरा रही है। यहां के चूड़ी बाजार में महिलाओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। महिलाओं में नए डिजायन की आकर्षक चूड़ी-लहठी की मांग है। राजस्थान की लहठी के अलावा स्थानीय स्तर पर तैयार लहठी की मांग काफी बढ़ गई है। स्थानीय बाजार में 150 से 500 रुपये प्रति सेट के दर पर लहठी की बिक्री की जा रही है। चूड़ी-लहठी बिक्रेता शमसुद्दीन मनियार ने बताया कि युवतियों व छोटी-छोटी बच्चियों में चूड़ी की खरीदारी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। छठ पूजा में पुरोहित की जरूरत नहीं छठ पूजा में पुरोहित की जरूरत नहीं पड़ती है। फिर भी यहां के लोग छठ पूजा निष्पादन में पुरोहित के दिशा-निर्देश को तरजीह देते हैं। पुरोहित के जरूरत पड़ने या फिर ना पड़ने की स्थिति में भी पूजा-अर्चना के समय पुरोहित की मौजूदगी अच्छी बात है। वे उचित दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं। नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ पूजा 11 नवंबर रविवार से प्रारंभ हो जाएगा। 12 नवंबर सोमवार को खरना अनुष्ठान पूरा किया जाएगा। मंगलवार 13 नवंबर को सांध्य अर्घ तथा 14 नवंबर बुधवार प्रात: कालीन अर्घ अर्पण किया जाएगा। कृतिम तालाब में छठ पूजा की परम्परा शुरू वैसे तो अधिकांश लोग किसी न किसी तालाब किनारे छठ पूजा को तरजीह देते हैं। वहीं अब कई स्थलों पर लोग अपने आवासीय परिसर में तालाबनुमा बना छठ पूजा करते हैं। शहर के टाउन क्लब मैदान स्थित करीब आधा दर्जन छठ व्रतियों के परिजनों द्वारा सामूहिक रूप से गड्ढा बनाकर उसमें जल भरकर छठ पूजा शुरू किया गया है। विभिन्न तालाबों पर व्रतियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी के कारण अनेक लोगों को अपने आवासीय परिसर में कृत्रिम तालाब में छठ पूजा की परम्परा शुरू किया गया हैं। भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना का पुराणों में उल्लेख छठ पूजा पर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना का उल्लेख पुराणों में मिलता है। देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न मौकों पर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की मान्यता रही है। छठ पूजा की महता पर जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिनाथ झा ने बताया कि छठ पूजा पर षष्ठी को निराधार रहकर नदी तट पर फल, पुष्प, नैवेद्य, धूप, दीप के साथ हर्ष पूर्वक अस्ताचलगामी भगवान सूर्य का पूजन करते हुए अर्घ समर्पित करना चाहिए। इसी तरह दूसरे दिन सप्तमी को उदीयमान सूर्य को अर्घ समर्पित कर व्रती पारण करेगी। मिथिलाचंल में छठ पूजा की बड़ी महता रही है। धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी छठ पूजा की परम्परा विकसित हुई है। छठी मैया व्रतियों व उनके परिजनों के मनोकामनाएं पूर्व करती है। 'छठ पूजा पर नया लहठी धारण करना शुभ माना जाता है। व्रती को छोड़कर अन्य महिलाएओं द्वारा सिक्की से तैयार चूड़ी-बाला को तरजीह दिया जाता रहा है।'

- रानी झा

फोटो 10 एमडीबी 15 'सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा से व्रतियों की मनोकामना पूर्ण होती है। धन्य-धान्य व संतान की कामना पूर्ण होती है। छठ पूजा पवित्रतापूर्वक किया जाना चाहिए।'

- निर्मला देवी

फोटो 10 एमडीबी 16 'छठ पूजा के दौरान हृदय से मांगी गई मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूरा होता है। इससे श्रद्धालुओं की श्रद्धा छठ पूजा के प्रति बढ़ती जा रही है।'

- कंचन झा

फोटो 10 एमडीबी 17 'छठ पूजा से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होता देखने को मिलता है। सच्चे मन से मांगी गई मुराद पूरी होती है। भगवान भास्कर अपने भक्तों को निराश नहीं करते।'

- बंदना झा

फोटो 10 एमडीबी 18 गंगासागर छठ घाट को संवारने में जुटे इन्द्र पूजा समिति शहर के गंगासागर तालाब घाट की साफ-सफाई के अलावा लाइट, साउंड की व्यवस्था इन्द्र पूजा समिति द्वारा किया जाता हैं। समिति प्रभारी कैलाश साह ने बताया कि लगातार चल रहे साफ-सफाई कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया हैं। समिति के अध्यक्ष कृष्णमोहन के अलावा संजय कुमार, राकेश कुमार, लक्ष्मी नारायण, दीपक कुमार दत्ता, सतीश कुमार महथा, राजू कुमार राज, ध्रुव नारायण प्रसाद, अशोक श्रीवास्तव, प्रभूनदंन श्रीवास्तव, धीरेन्द्र झा, लाल झा सहित समाज के अन्य लोगों द्वारा छठ घाट की सफाई कार्य चलाया जा रहा हैं। समाज के व्रतियों के परिजन मुस्तैदी के साथ जुट गये हैं। समिति द्वारा निश्श़ुल्क गाय दूध मुहैया करायी जाती हैं। भगवान भास्कर की प्रतिमा होगी स्थापित छठ पूजा पर शहर के गंगासागर चौक, बाबूसाहब चौक, महाराजगंज, नगर परिषद चौक सहित कई हिस्सों में भगवान भास्कर की विशेष पूजा-अर्चना को लेकर प्रतिमा निर्माण जोरों पर है। गंगासागर चौक पर सूर्य क्लब के लक्ष्मी साह, गोविन्द कुमार, रोहित कुमार ने बताया कि सूर्य पूजा की तैयारी चल रही है। भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था होती है। नव जागरण छठ पूजा समिति द्वारा मुरली मनोहर छठ घाट की साफ-सफाई के साथ लाइट व साउंड की व्यवस्था के साथ भव्य पंडाल में भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है।

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