स्वच्छता के प्रति सरकारी प्रतिष्ठानों में जागरूकता की कमी

स्वच्छ भारत मिशन की गति सरकारी स्तर पर धीमी दिख रही है। स्वच्छता अभियान के प्रारंभिक काल में स्वच्छता के प्रति सरकारी प्रतिष्ठानों में जागरुकता देखी गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 11:33 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 11:33 PM (IST)
स्वच्छता के प्रति सरकारी प्रतिष्ठानों में जागरूकता की कमी
स्वच्छता के प्रति सरकारी प्रतिष्ठानों में जागरूकता की कमी

मधुबनी। स्वच्छ भारत मिशन की गति सरकारी स्तर पर धीमी दिख रही है। स्वच्छता अभियान के प्रारंभिक काल में स्वच्छता के प्रति सरकारी प्रतिष्ठानों में जागरुकता देखी गई थी। स्वच्छता के प्रति काफी रुझान देखा गया। बहरहाल इन दिनों इसकी गति धीमी नजर आ रही है। सरकारी प्रतिष्ठानों, परिसरों में गंदगी के अलावा गुटखा के खाली पाउच का यत्रतत्र पाया जाना आम बात है। यही स्थिति सदर अस्पताल परिसर में देखी जाती हैं। सदर अस्पताल परिसर में गंदगी की सफाई कार्य में सुधार के बीच कई हिस्सों में आज भी कूड़ा-करकट का ढेर देखा जाता है। इसके लिए निर्धारित सफाई एजेसी द्वारा गंदगी साफ सफाई में कोताही बरतने की शिकायत सुनी जाती रही है। परिसर में कई जगहों पर लगाए गए कूड़ेदान का रखरखाव का अभाव बना होता है। बड़े पदाधिकारी का आगमन होने पर नजर आती स्वच्छता सदर अस्पताल में मौजूद शंकर कुमार ने बताया कि आम लोगों में स्वच्छता के प्रति निश्चित रूप से जागरुकता आई है। लेकिन सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता तभी नजर आती है जब कोई बड़े पदाधिकारी का आगमन होने बाला होता हैं। विजय कुमार ने कहा कि स्वच्छता बहाल रखना सरकारी प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों का दायित्व होता है। स्वस्थ्य रहने के लिए स्वच्छता का होना जरूरी होता है। वहीं मोहन कुमार ने कहा कि स्वच्छता के प्रति सरकारी स्तर पर उदासीनता को दूर करने की जरूरत है। तब जाकर स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकेगा। इधर सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ झा ने बताया कि सदर अस्पताल परिसर में स्वच्छता बहाल रखने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा हैं।

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