नहीं बदली बसुआरी पंचायत के गांवों की किस्मत

भुतही बलान के गर्भ में बसे घोघरडीहा प्रखंड के बसुआरी पंचायत की बसुआरी, बगराहा, पीपरा, कमलपुर, अलोला गांव आजादी के बाद से ही उपेक्षित रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Aug 2018 10:43 PM (IST) Updated:Wed, 29 Aug 2018 10:43 PM (IST)
नहीं बदली बसुआरी पंचायत के गांवों की किस्मत
नहीं बदली बसुआरी पंचायत के गांवों की किस्मत

मधुबनी। भुतही बलान के गर्भ में बसे घोघरडीहा प्रखंड के बसुआरी पंचायत की बसुआरी, बगराहा, पीपरा, कमलपुर, अलोला गांव आजादी के बाद से ही उपेक्षित रहा है। जिसका नमूना आज भी देखने को मिलता है। हल्की बारिश के साथ ही भुतही बलान के बाढ़ और जलजमाव से त्रस्त इस पंचायत के विकास पर आज भी ग्रहण लगा नजर आ रहा है। बसुआरी पंचायत के गांवों की सड़कों की हालत देख लगता है कि यहां के विकास के लिए की गई पहल कारगर साबित नही हुई हैं। पंचायत की बदहाली के कारण लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए लालायित होना पड़ रहा हैं। जाहिर है कि इस पंचायत के करीब 500 गृह रक्षक जिले के विभिन्न कार्यालयों पर कार्यरत हैं। आजादी से अबतक के बीच बसुआरी निवासी व पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव के अथक प्रयास से नरहिया बाजार से भवटियाही, गिद्हा, बसुआरी, हटनी होकर सुपौल सीमा तक करीब 20 किमी तक सड़क का निर्माण कराया गया। जो क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन साबित हो रहा हैं।

- इं गौरीशंकर यादव बसुआरी गांव स्थित पशु चिकित्सक की हालत बदतर बनी है। चिकित्सक का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना पड़ रहा है। पशु चिकित्सालय के आसपास की जमीन पर अतिक्रमण की समस्या गंभीर बन चुकी है।

- महादेव यादव बसुआरी पंचायत के विभिन्न विद्यालय तक सड़क नही होने से बच्चों को भारी परेशानी होती है। बगराहा उत्क्रमित मध्य विद्यालय तक सड़क का निर्माण कराया जाना चाहिए। इस विद्यालय में भवन की कमी से बच्चों को पेड़ के नीचे पठन-पाठन करते देखा जा सकता है।

- रास बिहारी यादव गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत में सुधार लाने की जरुरत है। गांवों की सड़क की सुरत बदले से लोगों को परिवहन सुविधा का समुचित लाभ नसीब होगा। बरसात के दिनों में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। जिसका कुप्रभाव पठन-पाठन पर देखा जा रहा है।

- मेघन महतो

फोटो 29 एमडीबी 41 पंचायत के गांवों प्रतिदिन करीब 14 घंटे तक बिजली आपूर्ति हो रही हैं। पंचायत के विभिन्न हिस्सों क जर्जर तार व पोल नही बदली जा रही है। बांस-बल्ला के सहारे विद्युत आपूर्ति से अनहोनी की आशंका बनी रहती है। लो वोल्टेज की समस्या दूर होने का नाम नही ले रहा है।

- सुरेंद्र महतो बसुआरी पंचायत के कई ग्रामीण सड़क का निर्माण मनरेगा से करायी गई है। पंचायत के अन्य सड़कों के निर्माण की योजना बनाई गई है। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक व कर्मी का वर्षो से अभाव बना है। ग्रामीणों को सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा से वंचित होना पड़ रहा हैं।

- वीणा कुमारी, मुखिया पंचायत बसुआरी ----------------

बसुआरी : एक नजर

पंचायत : बसुआरी

जनसंख्या : करीब 19 हजार

वोटर : करीब 10 हजार

विद्यालय : 6

सरकारी सेवा में : करीब 1500

शिक्षित बेरोजगार : करीब 4 हजार

स्वास्थ्य केंद्र : 1

पशु चिकित्सालय : 1

आंगनबाड़ी केंद्र : 7

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