हजारों जीवित दिव्यांगों को मृत बताने का मसला सदन में उठाएंगे : विधायक

मधुबनी। स्पेशल ओलंपिक बिहार के चेयरमैन एवं मधुबनी नगर विधायक समीर कुमार महासेठ ने कह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 11:50 PM (IST)
हजारों जीवित दिव्यांगों को मृत बताने का मसला सदन में उठाएंगे : विधायक
हजारों जीवित दिव्यांगों को मृत बताने का मसला सदन में उठाएंगे : विधायक

मधुबनी। स्पेशल ओलंपिक, बिहार के चेयरमैन एवं मधुबनी नगर विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि पंडौल प्रखंड के 3446 सहित जिले के हजारों दिव्यांगों को सरकारी फाइलों में मृत बताने जैसे मसलों को सदन में उठाएंगे। मानसिक दिव्यांगता के प्रमाण पत्र के लिए जिला मुख्यालय में चिकित्सक की बहाली का मामला भी सदन में रखा जाएगा। वे विश्व दिव्यांग दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से खास बातचीत कर रहे थे। श्री महासेठ ने बताया कि विभागीय खामियों का खामियाजा जिले के हजारों दिव्यांगों को भुगतना पड़ता है। विभागीय सूची से गायब हजारों दिव्यांगों को कई वर्षों से पेंशन सहित अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे है। जबकि, चिकित्सक के अभाव में मानसिक रूप से दिव्यांगों का प्रमाण पत्र के लिए उन्हें दरभंगा, पटना का चक्कर लगाना पड़ता है। श्री महासेठ ने कहा कि मधुबनी में दिव्यांगों के लिए स्टेडियम निर्माण के अलावा सरकार की बनने वाले कोई भी भवन में दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त कक्ष के साथ अन्य सुविधा बहाल होना चाहिए। खेल-कूद के माध्यम से दिव्यांगों की क्षमता को बाहर लाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की जरूरत है। विधायकों को प्रतिवर्ष विकास कार्य के लिए मिलने वाले निर्धारित तीन करोड़ रुपये में से दिव्यांगों को सीधा लाभ सुनिश्चित कराने के लिए प्रावधान तय किया जाना चाहिए। इसके लिए वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर प्रस्ताव रखेंगे। रहिका और पंडौल प्रखंड में लगातार कैंप लगाकर दिव्यांगों को चिन्हित कर उन्हें दो वर्ष के अंदर सरकारी लाभ सुनिश्चित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। खेल-कूद के माध्यम से दिव्यांगों की क्षमता को बाहर लाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने पर दिया बल।

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