दलित-महादलित को हक दिलाने में गुजार दिए चार दशक

फोटो 13 एमडीबी 3 मधुबनी। दलित-महादलित ही नहीं समाज के किसी भी तबके के साथ शोषण की घटना सुनते ह

By Edited By: Publish:Thu, 13 Aug 2015 11:15 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2015 11:15 PM (IST)
दलित-महादलित को हक दिलाने में गुजार दिए चार दशक

फोटो 13 एमडीबी 3

मधुबनी। दलित-महादलित ही नहीं समाज के किसी भी तबके के साथ शोषण की घटना सुनते ही ये दौड़ पड़ते हैं। शोषित लोगों को न्याय के लिए आवाज बुलंद करना ही रामवरण राम की दिनचर्या बन गई। बेनीपट्टी प्रखंड के बाबू जगजीवन राम मुहल्ला निवासी 63 वर्षीय रामवरण राम चार दशक से शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए अबतक कामयाबी के कई मंजिल तय किए। सामाजिक शोषण के खिलाफ लड़ते हुए वे अबतक पांच दर्जन से अधिक मामलों में बड़ी संख्या में दलित-महादलित लोगों को हक दिलाने की मिशाल कायम की है। शोषण के खिलाफ लोगों में जागरुकता के लिए इनके द्वारा वर्ष 2010 में अंबेदकर-कर्पूरी संस्थान की स्थापना की गई। इससे पूर्व बेनीपट्टी में डा. अंबेदकर तथा पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम पर चौक का नामांकन किया गया। इससे पूर्व वर्ष 2008 में मधवापुर प्रखंड के डूमरा गांव में भूमिहीन 70 परिवारों को बास हेतु पर्चा दिलाने में इनकी अहम भूमिका रही है। इसके लिए इन्हें कई वर्षों तक निरंतर आंदोलन का सहारा लेना पड़ा। इसी तरह बेनीपट्टी के संसारी पोखरा के निकट गैर मजरुआ जमीन पर करीब 40 भूमिहीन लोगों को बसाकर इसमें से 27 लोगों को पर्चा दिलाने में सफलता हासिल की। हरलाखी प्रखंड के पिपरौन गांव के चौकीदार के पुत्रवधू के साथ सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने के परिणामस्वरूप इस मामले में हरलाखी थाना के गश्ती दल के सभी पुलिस को निलंबीत की घटना काफी चर्चित रहा। इसी तरह सिरियापुर में एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर आवाज बुलंद करने पर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। रामवरण राम कहते हैं कि उच्च जाति के घर किसी भी मौके पर शामिल होने पर समाज के वंचित लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैये का विरोध वे करते रहे हैं। हाल ही में बेनीपट्टी निवासी गांधीवादी दानी लाल साह के साथ स्थानीय एक व्यक्ति द्वारा अपमानिक करने का जोरदार ढंग से विरोध किया गया। दामोदरपुर में एक महादलित के बच्चे को कुछ लोगों द्वारा बेवजह पिटाई की घटना में पंचायत के माध्यम से इनसाफ दिलाया गया। इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करने वाले रामवरण राम कहते हैं कि कालेज के समय से ही समाज के एक वर्ग द्वारा दूसरे वर्ग का शोषण की घटना से जूझते रहे हैं। वर्ष 1974-75 में बेनीपट्टी हाई स्कूल के छात्र जीवन में एक वर्ग के शोषण का सामना करते रहे हैं। जेएन कालेज में नामांकन के बाद यहां भी शोषित होने के कारण बेनीपट्टी के केभीएस कॉलेज में नामांकन लिया।

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