हिदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक हैं फुलौत की ग्राम देवी

मधेपुरा। प्रखंड अंतर्गत कोसी की सहायक नदी से घिरे फुलौत गांव में स्थित ज्वालामुखी मंदिर में मन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Apr 2019 01:26 AM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2019 01:26 AM (IST)
हिदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक हैं फुलौत की ग्राम देवी
हिदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक हैं फुलौत की ग्राम देवी

मधेपुरा। प्रखंड अंतर्गत कोसी की सहायक नदी से घिरे फुलौत गांव में स्थित ज्वालामुखी मंदिर में मनाई जाने वाली ग्राम देवता पूजा गांव में हिदू-मुसलमान के एकता का प्रतीक माना जाता है। दस दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व में हिदू-मुसलमान एवं अन्य धर्माें के लोग भी शांति व सौहार्द वातावरण में इस पर्व को एकजुटता के साथ मनाते हैं। जानकारी अनुसार भगवती ज्वालामुखी का मंदिर काफी पुरानी है। पूजा में सम्मलित होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मान्यता है कि इस पूजा में शामिल होकर भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो शीघ्र पूरा हो जाता है। जिले के दक्षिणी छोर पर स्थित इस गांव के चारों ओर कोसी की सहायक नदी बहती है। नदियों के बीच छोटे से टापू में रह रहे लोग ज्वालामुखी मां की पूजा ग्राम देवता के रूप में मनाकर गांव की सुख-समृद्धि व बाढ़ से बचने के लिए प्रार्थना करते हैं। ग्रामीणों की मानें तो अनंत काल से मनाई जा रही इस पूजा के कारण ही चारों ओर नदी रहने के बावजूद गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं करता है। यही कारण है कि कोसी के प्रकोप से बचने के लिए गांव के सभी धर्मों के लोग इस पूजा में शामिल होते हैं। ग्राम देवता पूजा में एक-साथ हिदू-मुसलमान एक साथ पूजा-अर्चना व चढ़ावा कर एकजुटता की मिसाल पेश कर रहे हैं। ग्राम देवता पूजा का विशेष महत्व फुलौत में मनाई जाने वाली इस पूजा में चढ़ावा के रूप में लोग शक्कर से बने मिठाई को चढ़ाते हैं। पूजा में लगातार दस दिनों तक सुबह पूजा एवं शाम में छह से नौ बजे तक संध्या आरती होती है। संध्या आरती के दौरान मंदिर के भगत लोगों के बीच देवी का आशीर्वाद बांटते हैं। पूजा के दसवें दिन प्रसाद के रूप में सैकड़ों शक्कर की मिठाई से भरे मटका को चढ़ाते हैं। उसके बाद उस मिठाई को ज्वालामुखी मंदिर से लेकर धूमावती मंदिर में रखते हैं। पूजा समाप्ति के अगले दिन उस प्रसाद का वितरण पूरे गांव में होता है। मान्यता है कि इस पूजा के प्रसाद को ग्रहण करने से लोग सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं। ग्राम देवी ज्वालामुखी की पूजा में एकसाथ हिदू-मुसलमान पूजा कर एकजुटता की मिशाल पेश कर रहे हैं। भाईचारा व सौहार्द बनाए रखने के लिए यह पूजा सहायक है। -शंभू मेहता दस दिनों तक चलने वाले इस पूजा के दौरान पूरे गांव में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही यह पर्व हमें सभी भेदभाव व विवाद को छोड़ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। -पिटू मेहता पूजा ग्रामीणों को सारे भेदभाव को पीछे छोड़ गांव की उन्नति में सहायक है। पूजा में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच कर मन्नत मांगते हैं। भगवती ज्वालमुखी सभी भक्तों की मुराद पूरी करती है। -सोहन मेहता ग्राम देवता पूजा में भक्त व श्रद्धालु एकजुट होकर गांव की सुख-समृद्धि के प्रार्थना करते हैं। भगवती ज्वालामुखी गांव को हर संकट से दूर रखती है। -शंभू कुमार मेहता

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