सामाजिक क्रांति के जनक थे महात्मा ज्योतिराव फुले : डॉ. जवाहर पासवान

मधेपुरा। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय आंबेडकर कल्याण छात्रावास परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 06:40 PM (IST)
सामाजिक क्रांति के जनक थे महात्मा ज्योतिराव फुले : डॉ. जवाहर पासवान
सामाजिक क्रांति के जनक थे महात्मा ज्योतिराव फुले : डॉ. जवाहर पासवान

मधेपुरा। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय आंबेडकर कल्याण छात्रावास परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिराव फुले की 194 जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बीएनएमयू के सीनेट व सिडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान ने किया।

मौके पर महात्मा के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई। इस अवसर पर सीनेट सदस्य ने कहा कि विश्वरत्न महामानव बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर के गुरु रहे सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योति राव फुले साहब ने पहली बार गुलाम भारत में 1848 में अंग्रेजों से लड़कर शिक्षा के अधिकार को प्राप्त किया था। अपने समय में उन्होंने 20 विद्यालय खोलने का काम किया। इस कारण भारत के पिछड़े शोषित वंचित समाज को शिक्षा लेने का मौका मिला। उस समय इस देश में मनुवाद काफी चरम सीमा पर था। उसके बावजूद भी उन्होंने काफी पीड़ा और यातनाओं को सहकर जीवन के अंतिम क्षण तक समाज के लिए लड़ते रहे। जरूरत आन पड़ी है कि देश में उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए युवा पीढ़ी प्रयासरत रहे। तब जाकर उनके सपनों को साकार किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के बिहार राज्य प्रभारी डॉ. सुभाष पासवान ने कहा कि पिछड़े समाज में पैदा हुए महात्मा फुले नहीं होते तो बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर भारत के संविधान का जनक नहीं कहलाते। उन्हीं के अधूरे कारवां को आगे बढ़ाने का काम बाबा साहब के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि इसीलिए फुले साहब की जयंती मनाना तभी सार्थक होगा तब हम इनके अधूरे सपने को पूरा करेंगे। छात्रावास के छात्रनायक राज हंस राज उर्फ मुन्ना ने कहा कि आज देश में जरूरत है ज्योतिराव फुले के नीति पर चलने का तब ही जाकर हमारा प्रगति हो सकता है। मुख्य अतिथि के रूप में आर केके कॉलेज पूर्णिया से आए प्रोफेसर मनोज कुमार यादव ने कहा क्रांतिज्योति महात्मा भारत के लिए एक शलाका पुरुष थे उन्होंने बिना भय के मनुवादी विचारधाराओं के खिलाफ लड़ाई लड़ने का काम किया। इसका प्रतिफल आज हमारे समाज के बीच दिखाई पड़ रहा है। मौके पर छात्रावास के छात्र सुनील कुमार, शिव शंकर कुमार, नीतीश कुमार, प्रिस कुमार, प्रकाश कुमार, सत्यम रंजन व ओम रंजन भी मौजूद थे।

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