भाभी की मांग सूनी कर रहे कलयुग के 'लक्ष्मण'

धर्मेंद्र भारद्वाज, जागरण संवाददाता, मधेपुरा : संपत्ति की चाहत ने कोसी में रिश्ते को तार-तार कर दिया

By Edited By: Publish:Wed, 17 Dec 2014 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 17 Dec 2014 05:43 PM (IST)
भाभी की मांग सूनी कर 
रहे कलयुग के 'लक्ष्मण'

धर्मेंद्र भारद्वाज, जागरण संवाददाता, मधेपुरा : संपत्ति की चाहत ने कोसी में रिश्ते को तार-तार कर दिया है। जड़ व जमीन के धुन में भाई ही भाई की जान ले रहे हैं। यहां भाई के बीच प्यार की जगह दुश्मनी ले रहा है। स्थिति यह है कि कलयुग के भाई (लक्ष्मण) भाभी की मांग सूनी कर रहे हैं। दो साल के दौरान एक दर्जन भाई ने जमीन व संपत्ति को लेकर सगे भाई की हत्या कर दी है। उन्हें खून के रिश्तों का जरा भी ध्यान नहीं रहा। बस धन की चाहत में भाई की बली चढ़ा दी। परिवार बिखर गया वह अलग। हत्या के बाद भी ऐसे भाई शांति का जीवन व्यतीत नहीं कर पा रहे। जुर्म में कई जेल के सलाखों के अंदर हैं तो कई फरार चल रहे हैं। पुलिस आंकड़ों पर गौर करें तो तीन साल के दौरान विभिन्न थानों में हत्या 140 मामले दर्ज किये गए हैं। इसमें करीब पांच दर्जन मामलों में संपत्ति व जमीन विवाद सामने आया है। जिसमें कई हत्या भाई ने ही भाई की कर दी है। ताजा उदाहरण जिले के ग्वालपाड़ा में देखने को मिला। जहां मात्र केला के पेड़ के लिए गोली मारकर भाई की हत्या कर दी। इसके अलावा कुमारखंड, चौसा, मुरलीगंज व बिहारीगंज में भी कई मामले सामने आए हैं।

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केस स्टडी

- जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड अन्तर्गत झझरी गांव के संटू यादव ने सितंबर माह में सगे भाई संजीव यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। विवाद केला के फल काटने को लेकर था।

- जिले के कुमारखंड प्रखंड के नैनपट्टी गांव के अशोक शर्मा ने अपने चचेरे भाई सत्तन शर्मा की हत्या जमीन विवाद को लेकर कर दी।

- चौसा के शंकर कुमार ने अपने भाई पिछले दिनों मात्र पांच हजार रुपये के लिए कर दी।

- उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज व मुरलीगंज प्रखंड में भी इस प्रकार के मामले सामने आए हैं।

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जिले में हो रही हत्या का मुख्य वजह जमीन व संपत्ति विवाद सामने आती है। पुलिस ऐसे विवाद को रोकने के लिए अंचलाधिकारी के साथ मिलकर काम कर रही है।

आनंद कुमार सिंह

एसपी, मधेपुरा

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संपत्ति की चाहत ने मनुष्य को अंधा कर दिया है। घटते संस्कार सोचने की शक्ति को कम कर रहा है। यही कारण है कि इस प्रकार की घटना में बढ़ोत्तरी हो रही है। भाई के बीच घटता प्यार समाज के लिए ठीक नहीं है।

डा.दयाराम यादव

पीजी विभाग समाजशास्त्र

बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा

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