स्वास्थ सेवा बदहाल, कैसे होगा मरीजों का ईलाज

संवाद सूत्र, (उदाकिशुनगंज) मधेपुरा : अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति काफी खराब है। एक भी अतिरिक

By Edited By: Publish:Fri, 24 Oct 2014 07:31 PM (IST) Updated:Fri, 24 Oct 2014 07:31 PM (IST)
स्वास्थ सेवा बदहाल, कैसे होगा मरीजों का ईलाज

संवाद सूत्र, (उदाकिशुनगंज) मधेपुरा : अनुमंडल में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति काफी खराब है। एक भी अतिरिक्त एवं उपस्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों और नर्स की पदस्थापना नहीं की गयी है। कई अस्पतालों के पास अपना भवन तक नहीं है। ऐसी स्थिति में लोग झोलाछाप चिकित्सकों के भरोसे इलाज करा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य सेवा की इन स्थितियों के सामने सरकारी दावों की पोल खोल रही है। मालूम हो कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नाम पर हर पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि गांवों में अस्पताल स्थापित किए जाने का क्या मतलब है, जब वहां चिकित्सक ही नहीं हैं।

प्रखंड में तीन अतिरिक्त व 24

उपस्वास्थ केंद्र हैं स्थापित

विभागीय जानकारी के अनुसार, सिर्फ उदाकिशुनगंज प्रखंड के पीएचसी को छोड़कर तीन अतिरिक्त व 24 अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित है। इन सभी अस्पतालों में एक भी डॉक्टर व नर्स नहीं है। मंजौरा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में कुछ दिन पूर्व डॉ. एके मिश्रा पदस्थापित हुए थे। लेकिन डॉ. मिश्रा की सेवा समाप्त हो जाने के बाद अब तक किसी चिकित्सक का पदस्थापना नहीं हो पाया है। खाडा गाव के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को प्रर्याप्त जमीन उपलब्ध है लेकिन वहा भवन नहीं बन पाया है। गोपालपुर गाव के अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र तो पशुओं का शरणस्थली बन चुका है। अस्पताल में चिकित्सकों का पदस्थापना किया ही नहीं गया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को कहना है कि चिकित्सकों की कमी के कारण अतिरिक्त व उपस्वास्थ केंद्र खाली पडा हुआ है। विभाग के वरीय अधिकारी को जानकारी दे दी गई है। जहा तक गोपालपुर अतिरिक्त अस्पताल की बात है तो कई बार लोगो से मवेशी हटाने को कहा गया है।

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