एमबीए अमित को लगा गांव प्रेम, कर रहे मशरूम की खेती
अजय कुमार अजय, चानन (लखीसराय) : कोरोना का संक्रमण किसी के लिए अभिशाप बनकर आया तो किसी के लिए वरदा
अजय कुमार अजय, चानन (लखीसराय) : कोरोना का संक्रमण किसी के लिए अभिशाप बनकर आया तो किसी के लिए वरदान बनकर। शहरों में नौकरी करने वालों से लेकर छोटे कारोबारियों तक मंदी का असर पड़ा है। कुछ लोग इस कोरोना काल में अपना उद्यम स्थापित करके सफल उद्यमी बन चुके हैं। जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर गांव का अमित कुमार का नाम भी इसी क्षेत्र में शुमार है। एमबीए में रैंक होल्डर रह चुके अमित पुणे में 10 वर्षों से कारपोरेट कंपनी में नौकरी कर रहे थे। कोरोना काल में वर्क फ्रोम होम में घर आ गए। फिर गांव प्रेम ने वापस जाने नहीं दिया। यहां चानन प्रखंड की महेशलेटा पंचायत के बिछवे गांव के पास उसने अपनी जमीन के 15,000 स्क्वायर फीट भू-भाग पर शेड डालकर मशरूम की खेती शुरू की। अमित अपनी मेहनत से रोजाना लगभग सौ किलो मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। सौ से अधिक लोगों को मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण भी दे चुके हैं। अमित जैसे युवा उद्यमियों की मेहनत के बल पर ही बिहार मशरूम उत्पादन में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। मशरूम के कई फायदे हैं। इससे रसोई घर के अंदर कई तरह के जायके बनते हैं। इसलिए मशरूम की मांग काफी है। पहले लोग दूसरे बड़े शहरों से आयातित महंगे दर पर मशरूम मंगाते थे लेकिन अब गांव में ही सस्ते दर पर लोगों को यह उपलब्ध है। अब तो बिहार सरकार के उद्यमी विभाग ने अमित कुमार का चयन किया है। इस पर खुशी जाहिर करते हुए अमित कहते हैं कि इस सरकारी सहयोग से नई यूनिट का काम शुरू होगा। इसके बाद सभी तरह के प्रोसेसिग का काम होगा। मशरूम के विभिन्न उत्पाद बनेंगे और उनकी ब्रांडिग करके दूर के शहरों एवं दूसरे राज्यों में पहुंचाया जाएगा। अमित अपने प्रशिक्षण के सहारे युवाओं को स्वावलंबी बनाने के राह बना रहे हैं। युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।