नई तकनीकी से कृषि कार्य करने की जानकारी दें वैज्ञानिक

लखीसराय। हलसी प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि कृषि विज्ञान केंद्र हलसी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के निर्देशानुसार 10वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के शिक्षा प्रसार सह निदेशक डॉ. आरएन ¨सह की उपस्थिति में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 06:42 PM (IST)
नई तकनीकी से कृषि कार्य करने की जानकारी दें वैज्ञानिक
नई तकनीकी से कृषि कार्य करने की जानकारी दें वैज्ञानिक

लखीसराय। हलसी प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि कृषि विज्ञान केंद्र हलसी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के निर्देशानुसार 10वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के शिक्षा प्रसार सह निदेशक डॉ. आरएन ¨सह की उपस्थिति में हुई। बैठक का उद्घाटन विश्वविद्यालय के शिक्षा प्रसार निदेशक डॉ. राजनारायण ¨सह, कृषि विज्ञान केंद्र नवादा के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. कल्पना सिन्हा, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. शम्भू राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। उन्होंने वैज्ञानिकों एवं किसानों को कहा कि मिट्टी जांच के अनुसार ही खेतों में फसल लगाएं। मिट्टी जांच कराने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में एक करोड़ से अधिक की लागत से मिट्टी जांच मशीन लगाई गई है जो 30 सेकेंड में 300 से ज्यादा सेंपल की मिट्टी जांच कर रिपोर्ट दिया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. शम्भू राय ने कृषि विज्ञान केंद्र का प्रगति प्रतिवेदन पढ़कर प्रस्तुत किया। निदेशक ने प्रस्तुत प्रतिवेदन में कमी को इंगित करते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया। प्रगतिशील किसान खुटहा निवासी रामशोभा ¨सह ने कहा कि टाल क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर घास निकल आता है जिसे कम खर्च पर घास से निजात दिलाने की मांग की। पतनेर निवासी मुरली प्रसाद ¨सह ने कहा कि टाल में दलहन एवं तेलहन की फसल के लिए बाजार से खरीदे गए बीज के बजाय घर के पुराने बीज से अधिक उपज होती है। इस अवसर पर वैज्ञानिक सुधीरचंद्र चौधरी, उदय प्रकाश नारायण, रेणु कुमारी आदि ने नई-नई तकनीकी की जानकारी किसानों एवं निदेशक को दिया।

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