शराबखोरी का विरोध महिलाओं को पड़ रहा महंगा

लखीसराय। शराबबंदी के समर्थन में महिलाओं को आंदोलन करना महंगा पड़ रहा है। शराब माफिया द्वारा महिलाओं क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2017 03:03 AM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2017 03:03 AM (IST)
शराबखोरी का विरोध महिलाओं को पड़ रहा महंगा
शराबखोरी का विरोध महिलाओं को पड़ रहा महंगा

लखीसराय। शराबबंदी के समर्थन में महिलाओं को आंदोलन करना महंगा पड़ रहा है। शराब माफिया द्वारा महिलाओं को धमकी के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी पहुंचाई जा रही है। इसके बावजूद महिलाएं मजबूती के साथ अभियान से जुड़ी है। लखीसराय थाना क्षेत्र के जोकमैला गांव में अवैध महुआ शराब का बड़े पैमाने पर निर्माण होता था। राज्य में शराबबंदी के बाद महिलाओं ने गांव से इस बीमारी को दूर करने की ठानी। महिलाएं इकट्ठा होकर इसका विरोध किया एवं शराब की भट्ठियां तोड़ दी। महिलाओं की यह कार्रवाई शराब माफियाओं को नागवार गुजरी। पहले तो महिलाओं को आग लगाकर जलाकर मार देने की धमकी दी। इसके बाद भी महिलाएं नहीं मानी एवं विरोध जारी रहा तो गांव की लालपरी देवी की डेढ़ कट्ठा जमीन में लगी गेहूं की फसल को क्षतिग्रस्त कर दिया। बावजूद महिलाओं का आंदोलन जारी है। गांव की करीब साठ की संख्या में महिलाएं जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ शराब बेचने व पीने वाले को भी सबक सीखा रही है। शराब माफिया के शिकार लालपरी देवी ने बताया कि शराब के लत के कारण घर परिवार बर्बाद हो गया था। हमेशा कलह बना रहता था। बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा था। इसी के विरोध में गांव में शराबबंदी की ठानी। उन्होंने बताया कि शराब माफिया फसल काट ले या आग लगा दे उनका विरोध जारी रहेगा। इसी तरह टीम में शामिल गांव की अन्य महिलाओं को भी शराब माफिया धमकी दे रहे हैं लेकिन महिलाएं बुलंद हौसले के साथ अभियान में जुटी है। महिलाओं को समय पर पुलिस व प्रशासन का मदद नहीं मिलने का मलाल है। एक सप्ताह पूर्व भी सोनी देवी के नेतृत्व में हलसी प्रखंड के बंडोल गांव में महुआ शराब बनाने का विरोध करते हुए महिलाओं की टीम ने काफी मात्रा में जावा महुआ, महुआ, शराब बनाने की अन्य सामग्री बरामद कर पुलिस के हवाले किया। शराब माफियाओं के विरोध के बावजूद महिलाओं का शराबबंदी के समर्थन में अभियान जारी है।

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