बरसात में बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा, बरतें सावधानी

लखीसराय । बरसात का मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इस मौसम में नमी और पानी के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 05:47 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 05:47 PM (IST)
बरसात में बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा, बरतें सावधानी
बरसात में बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा, बरतें सावधानी

लखीसराय । बरसात का मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इस मौसम में नमी और पानी के कारण संक्रमण फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। पानी में पलने वाले मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के अलावा जीवाणुओं से पैदा होने वाले डायरिया, हैजा और फूड प्वाइजनिग का भी खतरा रहता है। इस मौसम में कभी उमस तो कभी ठंड के कारण फ्लू, सर्दी-जुकाम, बुखार, एलर्जी और इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में जरूरी है कि शरीर की साफ-सफाई के साथ अपने पीने के पानी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। दूषित पानी अनेक तरह की बीमारियों को आमंत्रित करता है। बरसात का मौसम आते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई है।

डेंगू

डेंगू बुखार बेहद खतरनाक होता है। यह भी मच्छरों के काटने से फैलता है। एडीज मच्छर के काटने से मरीज डेंगू से पीड़ित हो जाता है। इससे मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द होता है। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।

बचाव के उपाय

घर की खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करें। अगर खिड़कियों पर जाली नहीं है, तो रात को सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं। मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए अपने आसपास यानी घर, बालकनी, गमले, एसी या कूलर में पानी का जमाव न होने दें। नालियों में डीडीटी का छिड़काव करवाएं। इस मौसम में बच्चों को पूरी बाजू वाले कपड़े पहनाएं। घर से बाहर निकलते समय ओडोमास क्रीम या ओडोमास स्टिकर का प्रयोग करें।

डायरिया

डायरिया बरसात के मौसम में जीवाणुओं के संक्रमण से होने वाली आम बीमारी है। इसमें मरीज को पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त होना प्रमुख है। यह खासकर बरसात में प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। इससे बचने के लिए साफ और ढंके हुए खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का ही सेवन करे। फूड प्वाइजनिग

बरसात में फूड प्वाइजनिग सबसे ज्यादा होती है। इस मौसम में घड़ी-घड़ी बदलाव होने से खाने-पीने की चीजें जल्द खराब हो जाती हैं और जब कोई व्यक्ति ऐसे आहार ग्रहण करता है तो वह फूड प्वाइजनिग का शिकार हो जाता है। इससे बचने के लिए बरसात में जितना हो सके बाहर का खाना-पीना और तली-भुनी चीजों को न कहना सीखें। ठंड लगना, पेट में दर्द, उल्टी और बुखार आना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। बचाव के उपाय

नियमित रूप से व्यायाम करें।

पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पीएं।

सेहतमंद और पोषक आहार लें।

खाने-पीने की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

पानी उबाल कर और छानकर ही पिएं।

हाथ धोने के बाद ही कुछ खाए-पीएं

देर से कटे फलों के सेवन से बचें।

कच्चा और अधपका मांसाहारी भोजन न करें। कोट

बरसात के मौसम में सावधानी बरतें। स्वच्छ पानी और ताजा भोजन का सेवन करें व अपने आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।

डॉ. सुरेश शरण, गैर संचारी रोग पदाधिकारी, लखीसराय

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