धर्म व सत्य के मार्ग चलकर किया गया कार्य होगा लाभदायी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : धर्म व नेकी के मार्ग पर चलना इंसान का धर्म है। धर्म ,ईमानदारी व सच्चाई के मा

By Edited By: Publish:Fri, 02 Jan 2015 09:09 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jan 2015 09:09 PM (IST)
धर्म व सत्य के मार्ग चलकर किया गया कार्य होगा लाभदायी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : धर्म व नेकी के मार्ग पर चलना इंसान का धर्म है। धर्म ,ईमानदारी व सच्चाई के मार्ग पर चलकर किया गया कार्य निश्चित ही लाभदायक साबित होगा है। यह बातें शुक्रवार को कथा वाचक सह व्यासवंशी बृजेन्द्र मोहन जी गोस्वमी ने धर्मगंज स्थित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के सातवें दिन उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा धर्म व सत्य पर चलने वाले इंसान को अपने जीवन में कठिनाई हो सकती है। लेकिन उन्हें अपने जीवन में सभी मार्गो पर सफलता मिलती है। सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन वह कभी पराजित नही होता। जब कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन ने कौरव सेना के खिलाफ युद्ध करने से इंकार कर दिया। तब श्री कृष्ण ने उन्हें युद्ध भूमि में ज्ञान दिया कि अर्जुन जरा ध्यान से देखो। तुम्हारे सामने जो लोग युद्ध के लिए खड़े हैं। रिश्ते में वे तुम्हारे सगे -संबंधी हैं। लेकिन ये लोग अधर्म की नीति के तहत युद्ध कर रहे हैं। श्री गोस्वामी जी ने कहा कि कुछ पल के अर्जुन सोच में पड़ गए और तुरंत ही शस्त्र उठाकर युद्ध के लिए तैयार हा गए। इस युद्ध में श्री कृष्ण अर्जन के सारथी बने, क्योंकि उन्हें इस धरती पर सत्य और धर्म के पथ पर लोगों को चलने की सीख देनी थी। वहीं भक्तों द्वारा आरती और गीत गाए गए। इस दौरान मुख्य रुप से ओंकारमल, रतन लाल, सरोज देवी, ललिता, विनीता, प्रभात कुमार, अनिता देवी, प्रवीण अग्रवाल और नीरु देवी सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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