अर्थशास्त्री बोले: स्वरोजगार से दूर होगी बेरोजगारी

वर्तमान में आरआरबी व एनटीपीसी की प्रतियोगिता परीक्षा परिणाम को लेकर हो रहे छात्र आंदोलन और तोड़-फोड़ बढ़ती हुई बेरोजगारी की भयावह स्थिति को प्रदर्शित करता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST)
अर्थशास्त्री बोले: स्वरोजगार से दूर होगी बेरोजगारी
अर्थशास्त्री बोले: स्वरोजगार से दूर होगी बेरोजगारी

खगड़िया: वर्तमान में आरआरबी व एनटीपीसी की प्रतियोगिता परीक्षा परिणाम को लेकर हो रहे छात्र आंदोलन और तोड़-फोड़ बढ़ती हुई बेरोजगारी की भयावह स्थिति को प्रदर्शित करता है। स्वरोजगार की भावना धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। यह सही है कि सरकारी कार्यालयों एवं उद्यमों में काफी सीटें खाली हैं, लेकिन इससे भी अधिक सच्चाई यह है कि यदि सारी सीटों को भर भी दिया जाए तो बेरोजगारी का समाधान नहीं हो सकेगा। इसके समाधान के लिए स्वरोजगार ही एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। हमें अपने आसपास के संसाधनों को समझने और लोगों की जरूरतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। रोजगार सृजन के बीज इसमें छुपे हुए हैं। लेकिन इसमें सामाजिक वातावरण की अहम भूमिका होगी। इसके लिए प्रशासन को शून्य क्राइम सिद्धांत अपनाना होगा।

खगड़िया जो फरकिया के नाम से मशहूर है, यहां की मिट्टी काफी उपजाऊ है। यहां सस्ते मानव श्रम बल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। हमारे यहां बहुत सी वस्तुएं एवं सेवाएं दूसरे राज्यों से आयातित है, वहीं ठीक इसके विपरीत मानव श्रम बल दूसरे राज्यों को निर्यात होता है। यदि इन वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन यहां होने लगे तो अच्छा खासा रोजगार सृजन हो सकता है। यहां दूध, दही, घी, केला, आम, लीची, मछली, मिर्च, हल्दी, आटा आदि सैकड़ों कृषि एवं कृषि आधारित उत्पाद हो सकते हैं। साथ ही एमएसएमइ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) से यदि महिलाओं को जोड़ दिया जाए तो निश्चित रूप से खगड़िया रोजगार सृजन के मामले में अग्रिम जिला हो सकता है। आवश्यकता है सिर्फ लोगों के मनोवृति में परिवर्तन की।

डा. अनिल ठाकुर, अर्थशास्त्री

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