रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा तक नहीं

खगड़िया। जिले में चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है। रेफरल अस्पताल गोगरी जिले का मुख्य अस्पताल है। इससे संपूर्ण गोगरी अनुमंडल और पड़ोस का मुंगेर दियारा क्षेत्र के लोग जुड़े हुए हैं। हैरत की बात यह है कि अब तक यहां ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है। जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। मालूम हो कि रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक को लेकर स्थानीय लोगों की मांग बाद विभागीय स्तर पर कवायद आरंभ हुई, परंतु परवान नहीं चढ़ सका।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 08:05 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 08:05 PM (IST)
रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा तक नहीं
रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा तक नहीं

खगड़िया। जिले में चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है। रेफरल अस्पताल गोगरी जिले का मुख्य अस्पताल है। इससे संपूर्ण गोगरी अनुमंडल और पड़ोस का मुंगेर दियारा क्षेत्र के लोग जुड़े हुए हैं। हैरत की बात यह है कि अब तक यहां ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है। जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। मालूम हो कि रेफरल अस्पताल में ब्लड बैंक को लेकर स्थानीय लोगों की मांग बाद विभागीय स्तर पर कवायद आरंभ हुई, परंतु परवान नहीं चढ़ सका।

विभागीय उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही के कारण अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना नहीं हो सकी। रेफरल अस्पताल में खून उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज को अन्यत्र रेफर कर दिया जाता है। ब्लड बैंक नहीं रहने के कारण जब गोली लगा मरीज, गंभीर दुर्घटना में घायल रेफरल अस्पताल पहुंचते हैं, तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जाने गोगरी में ब्लड बैंक स्थापना की कहानी

रेफरल अस्पताल की यह विडंबना है कि यहां ब्लड बैंक की स्थापना अथवा ब्लड स्टोरेज केंद्र की घोषणा तथा निर्देश जारी होता है, उस पर कार्य भी होता है, परंतु आगे चलकर परिणाम शून्य में तब्दील हो जाता है। यहां ब्लड बैंक का उदघाटन तक हुआ। परंतु, ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रह सका। दरअसल वर्ष 2008 में तत्कालीन सीएस की पहल पर रेफरल अस्पताल में पहली बार ब्लड बैंक स्थापना को ले तामझाम के साथ ब्लड बैंक का उदघाटन किया गया। तब लोगों में यह आशा जगी थी कि अब ब्लड के लिए भटकना या रेफर करने की नौबत नहीं आएगी। विभागीय उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह आशा जल्द ही निराशा में बदल गई। बाद में विभागीय स्तर पर इस ब्लड बैंक को आवश्यक संसाधन तक मुहैया नहीं कराया गया। फिर अप्रैल 2016 में सीएस ने 20 दिनों के अंदर अस्पताल में ब्लड स्टोर केंद्र खोले जाने का निर्देश दिया। जिसकी सारी तैयारी भी हुई। पूर्व में ब्लड बैंक के लिए मुहैया कराया गया ब्लड फ्रीजर में रखे-रखे खराब हो चुका था। जिसे अब तक न तो ठीक कराया गया और न ही नया फ्रीजर ही दिया गया। जिससे ब्लड स्टोरेज केंद्र भी यहां चालू नहीं हो सका। क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश के अनुसार पूर्व के ब्लड बैंक को लेकर कुछ नहीं कह सकते। हां, बाद में ब्लड स्टोरेज को ले निर्देश दिया गया था। परंतु, आवश्यक संसाधन मुहैया नहीं हो सका। जिस कारण ब्लड स्टोरेज केंद्र यहां कार्य नहीं कर सका। यहां ब्लड जांच के लिए एक्सपर्ट कर्मी भी नहीं है।

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