..और बेटी विदा होने के बाद उठ गई पुत्र की अर्थी

खगड़िया, संवाद सूत्र: महेशखूंट चौक से सटे पछियारी टोला में देर रात तक शादी की खुशी थी। बारात को दरवाज

By Edited By: Publish:Fri, 28 Nov 2014 08:57 PM (IST) Updated:Fri, 28 Nov 2014 08:57 PM (IST)
..और बेटी विदा होने के
बाद उठ गई पुत्र की अर्थी

खगड़िया, संवाद सूत्र: महेशखूंट चौक से सटे पछियारी टोला में देर रात तक शादी की खुशी थी। बारात को दरवाजा लगाने का रस्मो-रिवाज चल रहा था। महिलाएं शादी का गीत गाकर विधि-विधान को पूरा करने में जुटी थी। बिजेंद्र सिंह के दरबाजे पर लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। बारात के सत्कार को लेकर खाना पक रहे थे। हर चेहरे पर खुशी थी। बारात पहुंचने की सूचना पर लड़की पक्ष सत्कार को लेकर तत्पर हो उठे। आरंभिक सत्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई। कुछ देर के बाद बारात के दरबाजा लगने की खबर मिली। भीड़-भाड़ फिर से एकत्रित होने लगे। पटाखे की आवाज को मानो ठंड की शीतलहर को चीरते हुए रोशनी विखेर रहा था। अचानक भीड़ से आवाज उठी कि पिपुल लहुलूहान हो गया है। लोग इसे समझ भी नहीं पाए थे कि विपुल की हालत गंभीर होने लगी। पता चला कि गोली लगने से वह जख्मी हो गया है। उसके बाद का माहौल तो अपने आप में भयानक के साथ-साथ डरावना भी थी। विपुल उर्फ छोटू को बचाने का प्रयास भी हुआ मगर ईश्वर को यह मंजूर नहीं था। एक तरफ बेटी की डोली उठी तो दूसरे तरफ बेटा विपुल की अर्थी। हर कोई इस हृदयविदारक घटना को देखकर उफ कर जाते। बोलने की हिम्मत किसी में मानों छीन हो गई थी। गोगरी एसडीपीओ संजय कुमार झा भी कहते हैं कि दुख की इस घड़ी में अधिक कुछ पता लगाना मुश्किल ही था कि विपुल को गोली किसने मारी। एसडीपीओ के अनुसार परिजन बता रहे थे कि न तो बारात पक्ष से कोई शस्त्र थे न ही सरात पक्ष से। ऐसे में गोली किसने चलाई अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। बहरहाल, शुक्रवार को महेशखूंट से लेकर आसपास के क्षेत्रों में भी बिजेद्र सिंह के साथ घटी घटना की चर्चा आम जुबानों पर थी। इधर, बिजेंद्र के परिजनों को लोग समझाने की कोशिश करते दिखे,मगर लोगों की यह कोशिश बेकार दिख रही थी। परिजन एक ही बात कहते जा रहे थे कि उनकी किस्मत में ही यही लिखा था।

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