आशक्ति त्याग से मिलती है भक्ति: शिवनाथदास जी

By Edited By: Publish:Wed, 16 Apr 2014 09:44 PM (IST) Updated:Wed, 16 Apr 2014 09:44 PM (IST)
आशक्ति त्याग से मिलती है भक्ति: शिवनाथदास जी

जागरण संवाददाता, खगड़िया: शहर के छठ्ठूलाल सेवा सदन में दो दिवसीय हनुमान जयंती उत्सव बुधवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर देवराहा शिवनाथ दास जी महाराज ने कहा, आशक्ति को त्याग किए बिना भक्ति मिलनी मुश्किल है। जैसे बिना पैसे के कुछ खरीदना मुश्किल है, वैसे ही भक्ति है जिसमें रमने के लिए आशक्ति-त्याग जरूरी है। श्री हनुमान जी बल, बुद्धि और ज्ञान के दाता हैं। वे अपने भक्तों के हर संकट हरते हैं और सद्मार्ग प्रशस्त करते हैं। वर्ष में सिर्फ हनुमान जयंती के दिन पूर्ण निष्ठा व सच्चे मन से हनुमान की आराधना की जाय तो मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। पूरे वर्ष पूजा करने का लाभ भी मिल जाता है। इस दौरान रामभक्त हनुमान, भगवान श्री राम एवं देवराहा बाबा का जयकारा लग रहा था। माहौल पूर्ण रुप से भक्तिमय था। वहीं संकीर्तन की गंगोत्री में श्रोता भी भाग लिए। सैकड़ों भक्त भंडारा में महाप्रसाद ग्रहण किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में कन्हैया लाल जालान, अनिरुद्ध जालान, आत्मा राम शर्मा, महेश्वर प्रसाद, देवेश ठाकुर, मिथिलेश सिंह, ध्रुव जी, प्रहलाद जी, सदानंद जी, दिनेश जी, बुडुल जी, ललित जी, संजीव जी सहित सैकड़ों गणमान्य व देवराहा बाबा के शिष्य कर रहे थे।

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