कोरोना काल में सदर अस्पताल ही बना रहा लता का बसेरा

कटिहार। कोरोना काल को जीने वाले लोग शायद इसे ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। हर कोई अपने व अपने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 09:39 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 09:39 PM (IST)
कोरोना काल में सदर अस्पताल ही बना रहा लता का बसेरा
कोरोना काल में सदर अस्पताल ही बना रहा लता का बसेरा

कटिहार। कोरोना काल को जीने वाले लोग शायद इसे ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। हर कोई अपने व अपने स्वजनों को लेकर फिक्रमंद थे। जीवन पर संकट के उस दुरकाल दौर में कई लोग जान हथेली पर लेकर अपना फर्ज निभा रहे थे। खासकर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए वह काल काफी विकट भरा था। इस दौरान कई चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी, लेकिन वे फर्ज निभाने से नहीं चूके। इसकी एक बानगी सदर अस्पताल में कार्यरत एएनएम लता चक्रवर्ती भी रही। लता पूरे कोरोना काल में सदर अस्पताल को ही अपना बसेरा बनाकर लोगो की सेवा में जुटी रही। अपने घर से भी उसने पूरी तरह नाता तोड़ सा लिया। इसकी एक वजह वे खुद की ड्यूटी की चपेट में किसी स्वजन को नहीं लाना चाह रहे थे, दूसरी वजह विषम डयूटी को इमानदारी पूर्वक निभाने का संकल्प था। आम दिनों में भी सदर अस्पताल में आने वाले मरीज उनकी मुरीद रहते हैं। लता अपने पूरे परिवार के साथ शहर के दो नंबर कालोनी में रहती है।

क्या कहती हैं लता :

एएनएम लता चक्रवर्ती ने कहा कि उनके लिए मरीजों की सेवा काफी अहम है। बचपन से ही लोगों की सेवा करने का भाव उनके मन में था। इस कारण वे पढ़ लिखकर इस सेवा में आई। कोरोना काल में वे बिना किसी भेदभाव के लोगों की सेवा की। अपने कर्तव्य के निर्वाहन के साथ साथ परिवार के लोगो का भी ध्यान उन्हें रहा। इस कारण वे पूरे कोरोना काल में सेवा का निर्वाहन करने के लिए परिवार से दूरी बना ली थी। उस काल की डयूटी इमानदारी से निभाने का सुकून महससू करने पर भी अच्छा लगता है।

कई दिनो तक नही मिलती थी परिवार के लोगो से : कोरोना काल में ड़यूटी के दौरान संक्रमण के खतरे के डर से कई दिनो तक परिवार से दूर रहती थी। जब कभी घर के लोगो को देखने की इच्छा होती थी तो विडियो कॉल या देर शाम घर के बाहर से ही मिल कर चली आती थी।

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