ध्वस्त होने के कगार पर है पदाधिकारियों व कर्मियों का आवास

सरकारी तौर पर दूसरों को आवास की व्यवस्था करने वाले खुद ही जर्जर आवाज में रहने को वि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 05:27 PM (IST)
ध्वस्त होने के कगार पर है पदाधिकारियों व कर्मियों का आवास
ध्वस्त होने के कगार पर है पदाधिकारियों व कर्मियों का आवास

सरकारी तौर पर दूसरों को आवास की व्यवस्था करने वाले खुद ही जर्जर आवाज में रहने को विवश हैं। जिसे देख कर दीपक तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ होती है। मोहनियां प्रखंड कार्यालय परिसर में बने सरकारी आवास कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं। 30 जनवरी 1956 को मोहनियां के प्रखंड सह अंचल कार्यालय की स्थापना हुई थी। छह दशक का समय पूरा कर चुके उक्त कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मचारी जिस आवास में रहते हैं वह कब ध्वस्त हो जाएगा कहना मुश्किल है। कार्यालय का भी यही हाल है। प्रखंड कार्यालय परिसर में उत्तर तरफ दो दर्जन आवास बने हैं। जिसमें एक दर्जन आवाज प्रखंड का एवं एक दर्जन परियोजना का है। इसी जर्जर आवास में अंचल के सीओ सहित अन्य कर्मी व अभियंता रहते हैं। आवास में रहने वाले कमरों की मरम्मत करा कर काम चलाऊ बना दिए हैं। लेकिन बाहर की स्थिति आवासों की जर्जरता का पुख्ता प्रमाण है। आवासों की प्लास्टर टूटने के बाद उसमें दरारे पड़ चुकी हैं। जगह जगह की ईंटें निकल चुकी हैं। आवास के पीछे सालों भर जलजमाव रहता है। इसके कारण दीवाल में नमी बनी रहती है। दीवार में बने गड्ढों में विषैले जंतुओं का डेरा है। आवासों के पानी का पीछे निकास होता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सालों भर झील का नजारा रहता है। जिसमें सूअर डेरा डाले रहते हैं। आवास के पीछे जल जमाव व लगी झाड़ियों के कारण मच्छरों की भरमार रहती है। गन्दगी से निकलने वाली दुर्गंध से आवास में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। बरसात में पदाधिकारी व कर्मियों की फजीहत होती है। बारिश होने पर छत का पानी भीतर ही गिरता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से आवास में इतना पानी जमा हो जाता है इसमें रहने वालों का निकलना मुश्किल होता है। इस बरसात में भी एक-एक सप्ताह तक आवास में व आवास के बाहर सड़क पर घुटने भर पानी जमा था। एसडीएम के कड़े रूख से नगर पंचायत द्वारा टैंकर से आवास में जमा पानी को निकाला गया था। जल निकासी के लिए कर्मियों को पंप सेट का सहारा लेना पड़ता है। बरसात में कर्मियों की नींद हराम हो जाती है। जहां के पदाधिकारी एवं कर्मी आवास की समस्या से जूझ रहे हो वे सरकारी कामकाज कितना निपटा पाएंगे इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रखंड कार्यालय परिसर का भी यही हाल है। जगह जगह चहारदीवारी के टूटने के कारण कार्यालय असुरक्षित है। इसी परिसर में अंचल, कृषि, मनरेगा, अवर निबंधन व शिक्षा विभाग तथा पुलिस निरीक्षक का कार्यालय है।चहारदीवारी के टूटने से रात में परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है। हाल में ही चोर प्रखंड कार्यालय के ऊपर लगे एंटीना को गायब कर दिया था। ज्ञात हो की इन्हीं पदाधिकारियों व कर्मियों द्वारा लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पदाधिकारियों व कर्मियों को सुरक्षित ठिकाने की दरकार है। इस संबंध में पूछे जाने पर मोहनियां के बीडीओ अजय कुमार ¨सह ने बताया कि जिलाधिकारी को आवास व प्रखंड कार्यालय के जीर्णोद्धार के लिए लिखा गया है। जगह जगह चहारदीवारी के टूटने से परिसर असुरक्षित है। बकरियां व जानवर पेड़ पौधों को नष्ट कर देते हैं। पदाधिकारियों व कर्मियों को समस्याओं से जूझना पड़ता है।

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