मानसिक रोगियों के बेहतर इलाज के लिए प्राधिकार का गठन

मानसिक रोगियों के बेहतर इलाज के लिए प्राधिकार का गठन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 04:46 PM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 04:46 PM (IST)
मानसिक रोगियों के बेहतर इलाज के लिए प्राधिकार का गठन
मानसिक रोगियों के बेहतर इलाज के लिए प्राधिकार का गठन

आधुनिक चकाचौंध व भागदौड़ की जिदगी से बढ़ते हुए तनाव के चलते बढ़ते हुए मानसिक रोगियों को बेहतर परिवेश व उनके स्वजनों को उचित सलाह देते हुए रोग का शीघ्र इलाज करने के लिए सरकार ने राज्य स्तर पर प्राधिकार का गठन करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य तनाव का दूर करने के उपाय करने के साथ-साथ रोगी को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है। इसके चलते मानसिक रोगियों की वृद्धि पर भी अंकुश लगेगा व रोगी शीघ्र स्वस्थ होंगे।

जिले में मानसिक रोगियों की संख्या -

सदर अस्पताल में अप्रैल 2015 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की इकाई की स्थापना की गई। इकाई द्वारा अब तक 5798 मानसिक रोगियों की जांच कर इलाज किया गया है। इन रोगियों में साईकोसिस के 2281, न्यूरोसिस 1676, डिप्रेशन के 868, मिर्गी के 266, मानसिक मंदता के 426, नशा के 129 व अन्य प्रकार के 152 मानसिक रोगी शामिल है। लगभग सभी प्रकार के मानसिक रोगी तीन से छह माह में ठीक हो जाते हैं। औसतन प्रतिमाह दो सौ की संख्या में रोगी अस्पताल पहुंच रहे है। इसमें 50 प्रतिशत पुराने व 50 फीसदी नए मरीज शामिल होते है।

सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था-

सदर अस्पताल के मुख्य भवन के द्वितीय तल पर दस बेड के वार्ड बनाया गया। इसमें पांच महिला व पांच पुरूष बेड शामिल हैं। साथ ही थेरेपी व मनोरंजन के लिए एक कक्ष भी बनाया गया है। इलाज के लिए डॉ आर. के सिंह व डॉ चेतन प्रसाद की नियुक्ति की गई है। मनोवैज्ञानिक भावना गुप्ता द्वारा रोगियों की काउंसलिग की जाती है। सामाजिक व पारिवारिक जांच व जागरूकता कार्य कार्यकर्ता राजा उपाध्याय द्वारा किया रहा है।

जन जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयास-

जिले के स्कूलों, कालेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ साथ सभी सरकारी कर्मचारियों व जेल तथा विधिक सेवा प्राधिकार के शिविरों के माध्यम से भी मनोरोग की पहचान व उससे बचाव की जानकारी आमजन व जनप्रतिनिधियों को देने का क्रम जारी है।

क्या कहते है अधिकारी-

प्रभारी सीएस डॉ राजू लाल ने बताया कि सदर अस्पताल में स्थित मानसिक रोग विभाग के माध्यम से आए रोगियों की जांच कर उन्हें निशुल्क दवा मुहैया कराया जा रहा है। गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज के वार्ड बनाया गया है। सरकार के स्तर से गठित प्राधिकार के चलते मानसिक रोगियों के इलाज की और बेहतर व्यवस्था हो जाएगी।

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