बच्चों एवं माताओं को लू के प्रकोप से बचाने के लिए आइसीडीएस करेगा सहयोग

गर्मी के महीनों की शुरुआत होते ही हीट स्ट्रोक यानी लू का खतरा बढ़ गया है। कोरोना के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 03:16 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 03:16 PM (IST)
बच्चों एवं माताओं को लू के प्रकोप से बचाने के लिए आइसीडीएस करेगा सहयोग
बच्चों एवं माताओं को लू के प्रकोप से बचाने के लिए आइसीडीएस करेगा सहयोग

गर्मी के महीनों की शुरुआत होते ही हीट स्ट्रोक यानी लू का खतरा बढ़ गया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भी स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ा रखी है। ऐसे दौर में लोगों के लिए कोरोना संक्रमण के साथ लू से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्क होने की जरूरत है। इस दिशा में आइसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पत्र लिखकर छह साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती माताओं एवं धातृ माताओं को लू के प्रकोप से बचाने के संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है।

परिवार स्तर पर लोगों को सचेत रहने की है जरूरत:

पत्र में बताया गया है यदि अति आवश्यक कार्य हो तो बच्चों के मुंह एवं नाक को ठीक प्रकार से मास्क, रुमाल या छोटे गमछे से लपेट कर घर के बड़े लोगों की निगरानी में ही निकलने दें। बच्चों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी देते रहें। यथासंभव हो सके तो पानी में ग्लूकोज मिलाकर बच्चों के दें। बच्चों को हल्का भोजन दें। दिन में थोड़े-थोड़े कई बार खाना दें एवं ध्यान रखें कि खाना ताजा हो। लू लग जाने से तौलिया, गमछा ठंडे पानी में भिगों कर शरीर को बार-बार पोछें एवं आम का पन्ना, सत्तू का घोल एवं नारियल का पानी दें। ओआरएस का घोल एवं ग्लूकोज का नियमित सेवन करने से लू में बचाव होता है। यदि घर में ओआरएस का घोल नहीं हो तो इसके विकल्प के रूप में नामक एवं चीनी का घोल बनाकर लू या डायरिया पीड़ित को दें।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलेगी बचाव की जानकारी:

आइसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने बताया कि टेकहोम राशन के लिए जब भी महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाएं आएं तो सेविका उन्हें लू से बचाव की जानकारी देंगी। साथ ही गृह भ्रमण के दौरान भी गर्भवती एवं धातृ माताएं को खुद से लू बचने के सलाह दिया जाएगा। साथ ही वे घर पर अपने बच्चों का कैसे बेहतर ध्यान रखकर उन्हें लू से बचाव की भी जानकारी देंगी। महिला पर्यवेक्षिकाओं एवं आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लू लगने के लक्षण, उसके कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार के विषय में लोगों को जानकारी देते समय कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन करने का निर्देश दिया गया है। यह बताया गया है कि जानकारी देते समय फिजिकल डिस्टेंस का ख्याल रखें या मोबाइल से जानकारी दें।

प्रशासन के स्तर पर भी लू से बचाव को लेकर होगी कार्रवाई:

लू पीड़ितों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों में जरुरत के हिसाब से पीड़ित को भर्ती कराया जा सके। साथ ही राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पाउडर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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