मेला की हो रही खानापूर्ति, स्टालों पर नहीं दिखे कृषि संबंधी यंत्र

कृषि विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार नहीं कराए जाने के कारण गुरुवार को स्थानीय दुर्गा पड़ाव में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषि यंत्रीकरण मेला में किसानों की संख्या नहीं के बराबर थी। इससे मेला के आ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 05:34 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 05:34 PM (IST)
मेला की हो रही खानापूर्ति, स्टालों पर नहीं दिखे कृषि संबंधी यंत्र
मेला की हो रही खानापूर्ति, स्टालों पर नहीं दिखे कृषि संबंधी यंत्र

कृषि विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार नहीं कराए जाने के कारण गुरुवार को स्थानीय दुर्गा पड़ाव में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषि यंत्रीकरण मेला में किसानों की संख्या नहीं के बराबर थी। इससे मेला के आयोजन के औचित्य पर सवाल खड़ा हो रहा था। किसानों के नहीं पहुंचने के कारण मेला में लगी कुर्सियां खाली रह गईं। जो इस बात की गवाही दे रही थी कि कृषि विभाग सिर्फ मेले की खानापूर्ति कर रहा है। व्यवसायियों द्वारा लगाए गए काउंटर पर भी कृषि संबंधी यंत्र नहीं दिखे। किसानों में जिज्ञासा थी कि फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों को मेला में लाया जाएगा। जिसे देखकर किसान उसके बारे में जाने व समझेंगे। मेला में ऐसे भी किसान थे जिन्हें दो वर्ष पूर्व हार्वेस्टर खरीदा है। लेकिन अभी तक उन्हें अनुदान की राशि का भुगतान नहीं हो सका। इसके लिए वे उच्च न्यायालय पटना का दरवाजा खटखटाए हुए हैं। मोहनिया प्रखंड के दुघरा ग्राम निवासी किसान कृष्णा कुमार व विजय सिंह ने बताया कि वे वर्ष 2018 में अनुदानित दर पर हार्वेस्टर लिए थे। दो वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद भी उन्हें सब्सिडी की राशि का भुगतान नहीं हुआ। इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय पटना का दरवाजा खटखटाया है। वहां से कृषि विभाग के पदाधिकारियों को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगा गया था। मेला में आए कुछ किसानों ने बताया कि सरकार व जिला प्रशासन द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर बल दिया जा रहा है। किसानों द्वारा हार्वेस्टर और एस्ट्रा रिपर के लिए आवेदन दिया गया है। लेकिन अभी तक उसका परमिट नहीं कटा है। मेला में आए जनप्रतिनिधियों ने भी बताया कि दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला का अगर कृषि विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया होता तो काफी संख्या में किसान उपस्थित होते। जिससे मेला की सार्थकता सिद्ध होती। कृषि विभाग सिर्फ मेले की खानापूर्ति कर रहा है। मेले में कृषि संबंधी उपकरण भी उपलब्ध नहीं हैं।

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