बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में एक और दोषी करार

जहानाबाद। स्थानीय व्यवहार न्यायालय स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन रंजीत कुमार ¨सह के न्या

By Edited By: Publish:Fri, 11 Nov 2016 02:50 AM (IST) Updated:Fri, 11 Nov 2016 02:50 AM (IST)
बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में एक और दोषी करार

जहानाबाद।

स्थानीय व्यवहार न्यायालय स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन रंजीत कुमार ¨सह के न्यायालय ने गुरुवार को भी बहुचर्चित सेनारी नरसंहार के नामजद अभियुक्त दुखन राम कहार को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने सजा की ¨बदू पर सुनवाई के लिए 18 नवम्बर की तिथि निर्धारित की है।कड़ी सुरक्षा के बीच दुखन को मंडल कारा से न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय द्वारा इसे धारा 148,302/149,307/149 आईपीसी,27 आ‌र्म्स एक्ट तथा 3/4 विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया गया है। न्यायालय द्वारा फैसला सुनाये जाने के उपरांत पुन: उसे मंडल कारा भेज दिया गया। इसके पहले भी इस न्यायालय द्वारा 38 में से 15 अभियुक्तो को दोषी करार दिया गया है। इन अभियुक्तों की सजा की ¨बदू पर 15 नवम्बर की तिथि निर्धारित है। दुखन के विरुद्ध चिकित्सक तथा अनुसंधानकर्ता सहित 23 लोगों ने गवाही दी थी। इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक विजेन्द्र कुमार ¨सह ने बहस में हिस्सा लिया था।

उल्लेख है कि 18 मार्च 1999 को प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी के हथियारबंद दस्ते के लोगों ने सेनारी गांव की घेराबंदी कर 34 लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी थी। घटना की जानकारी मिलने पर गांव पहुंचे एक सेवानिवृत जज की भी शवों को देखकर हृदयगति रुक जाने के कारण मौत हो गई थी। इस सिलसिले में अपने पति तथा एक मात्र बेटे को खोने वाली ¨चतामणि देवी के बयान के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उस प्राथमिकी में दुखन राम कहार का नाम भी शामिल था। इस मामले में जेल में बंद दुखन द्वारा च्च्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर किया गया था। न्यायालय द्वारा जमानत रद करते हुए इस मामले का स्पीडी ट्रायल कराये जाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि नरसंहार के इस मामले में 38 लोगों की सुनवाई एक साथ हो रही थी जबकि दुखन राम कहार की सुनवाई अलग हो रही थी।

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