नहाय-खाय के साथ लोक आस्था कामहापर्व छठ आज से शुरू

लोक आस्था का महापर्व छठ का अनुष्ठान आज से नहाय-खाय के साथ शुारू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 07:39 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 07:39 PM (IST)
नहाय-खाय के साथ लोक आस्था कामहापर्व छठ आज से शुरू
नहाय-खाय के साथ लोक आस्था कामहापर्व छठ आज से शुरू

लोक आस्था का महापर्व छठ का अनुष्ठान आज से नहाय-खाय के साथ शुारू हो जाएगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान में विधि के अनुरूप सभी सामाग्रियों की पूर्ति आवश्यक मानी जाती है। इस पर्व में छठ व्रती पूरी पवित्रता का ख्याल रखते हैं। नहाय-खाय के अनुष्ठान को लेकर शनिवार को छठ व्रतियों द्वारा तैयारी का अंतिम रूप दिया गया। पर्व को लेकर घरों से लेकर बाजार तक रौनक बढ़ गई है। बताते चलें कि इस महापर्व में पवित्रता के सामने आधुनिक संसाधन फीके पर जाते हैं। लोग परंपरागत पुराने संसाधनों का ज्यादा उपयोग करते हैं जिसके कारण जांता का प्रचलन भी इस पर्व में दिखाई पड़ता है। महिलाएं चावल को आटा बनाने के लिए इन्हीं जांते का उपयोग करती है। घरों में भले ही यह पुराने संसाधन आज के दौर में उपयोग में नहीं आते हो लेकिन इस त्योहार में आस्था का आलम यह है कि पवित्रता के ख्याल से पुराने साधनों का ही उपयोग किया जाता है। भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य अर्पित करने के लिए जगह-जगह पर सूप तथा दौरे की दुकानें सजाई गई है। उन दुकानों पर छठ व्रतियों की भीड़ खरीददारी के लिए उमड़ रही है। इस पर्व में पीतल के बर्तनों की भी काफी मांग होती है जिसके कारण उन बर्तनों की खरीददारी भी जोर-शोर से की जा रही है। बांस से सूप तथा दौरे बनाने वाले लोग इस त्योहार को देखते हुए पहले से ही निर्माण कार्य में जुट गए थे। आधुनिक संसाधनों के सामने उन लोगों का व्यवसाय इसी त्योहार में तेजी पकड़ता है। नहाय-खाय के अनुष्ठान में छठ व्रती पूरी पवित्रता तथा परंपराओं का पालन करती है। इस त्योहार में कोई कसर बाकी नहीं रहे, इसे लेकर जिन घरों में यह व्रत रखा जा रहा है वहां के लोग भी तैयारी में जुटे हैं। इस पर्व की खासियत है कि प्रदेश में रहने वाले लोग भले ही दशहरा व दीपावली में अपने घर नहीं आए हों लेकिन जब घर में छठ व्रत का अनुष्ठान हो रहा हो तो वे जरूर पहुंचते हैं।

chat bot
आपका साथी