बीस साल पूर्व ही परिवार के साथ गोरखपुर शिफ्ट हो गया था रमेश

गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने के मामले में पुणे से पकड़ा गया नगर थाना के हजियापुर कैथवलि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 11:05 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 11:05 PM (IST)
बीस साल पूर्व ही परिवार के साथ गोरखपुर शिफ्ट हो गया था रमेश
बीस साल पूर्व ही परिवार के साथ गोरखपुर शिफ्ट हो गया था रमेश

गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने के मामले में पुणे से पकड़ा गया नगर थाना के हजियापुर कैथवलिया गांव का रमेश साह करीब बीस साल पूर्व अपने पूरे परिवार के साथ गोरखपुर में शिफ्ट हो गया था। इस बीच उसका कभी-कभार गांव में आना जाना था। पकड़े गए रमेश के बारे में गांव के कम लोग ही जानते हैं। लेकिन उसे जानने वाले लोग भी रमेश के बारे में बताने से परहेज कर रहे हैं।

शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फं¨डग के आरोप में रमेश के पकड़े जाने की खबर आने के बाद पहले तो गांव के लोग उसके बारे में कुछ भी बताने से इन्कार करते दिखे। लेकिन बाद में इस बात की जानकारी हुई कि रमेश साह अपने पूरे परिवार के साथ करीब दो दशक पूर्व गोरखपुर चला गया। उसके गोरखपुर जाने के समय उसकी माली हालत ठीक नहीं थी। ग्रामीण रमेश के बारे में इससे अधिक कुछ भी बताने से बचते रहे। सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर जाने के बाद रमेश या उनके परिवार के लोग साल-दो साल पर गांव में किसी बड़े आयोजन के मौके पर आते रहे हैं। इससे अधिक गांव से उनका कोई नाता नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शहर के हजियापुर कैथवलिया का निवासी रमेश साह गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित सर्वोदय नगर में बस गया था। टेरर फं¨डग मामले में 24 मार्च, 2018 को गोरखपुर से छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था, जिनमें गोपालगंज जिले के मांझा थाने के आलापुर गांव के मुकेश कुमार भी शामिल था। जबकि एटीएस को चकमा देकर रमेश भाग गया था। रमेश इन दिनों पुणे में रहकर अपना नेटवर्क संभाल रखा था। जिसे पुणे से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

chat bot
आपका साथी