जन्म लेते ही पुत्र के सिर से उठ गया पिता का साया

मीरगंज-गोपालगंज पथ पर इटवा पुल के समीप बुधवार को हादसे के शिकार बने पंकज कुमार के गांव बेदुटोला में दूसरे दिन गुरुवार को भी मातम पसरा रहा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jan 2019 06:22 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jan 2019 06:22 PM (IST)
जन्म लेते ही पुत्र के सिर से उठ गया पिता का साया
जन्म लेते ही पुत्र के सिर से उठ गया पिता का साया

गोपालगंज : मीरगंज-गोपालगंज पथ पर इटवा पुल के समीप बुधवार को हादसे के शिकार बने पंकज कुमार के गांव बेदुटोला में दूसरे दिन गुरुवार को भी मातम पसरा रहा। परिजनों को ढांढस देने के लिए लोगों की भीड़ मृतक के घर पर उमड़ी रही। हादसे के शिकार बने पंकज कुमार सिवान में मैरवा में एक अस्पताल में जन्म लेने वाले अपने पहले पुत्र का मुंह देखने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में ही हादसे के शिकार हो गए। पंकज कुमार की मौत से जन्म लेते ही पुत्र के सिर से पिता का साया उठा गया।

थाना क्षेत्र के बेदुटोला गांव निवासी पंकज कुमार थावे बाजार में किराना का दुकान चलाते थे। सिवान के दरौली थाना के बलिया निवासी उमेश प्रसाद बरनवाल की पुत्री नीलम देवी से पंकज कुमार की शादी 8 मार्च 2018 को हुई थी। पंकज कुमार की गर्भवती पत्नी नीलम देवी कुछ दिन पहले अपने मायके गई थीं। बुधवार को दिन के एक बज कर आठ मिनट पर नीलम देवी ने मैरवा में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल पुत्र को जन्म दिया। अपने पहले पुत्र के जन्म की जानकारी होने पर पंकज कुमार उसे देखने के लिए अपनी मां विद्यांति देवी, तीन वर्षीय भतीजा अंश कुमार तथा दोस्त कुंदन शर्मा के साथ एक बाइक पर सवार होकर मैरवा जा रहे थे। तभी इटवा धाम पुल के समीप सामने से आ रही दूसरी बाइक से इनकी बाइक की टक्कर हो गई। इस हादसे में घायल पंकज कुमार, उनकी मां, दोस्त, भतीजा तथा दूसरे बाइक पर सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पंकज कुमार की मौत हो गई। अपने पति की मौत की जानकारी मिलते ही नीलम देवी शाम को अपने मायके के लोगों के साथ बेदुटोला पहुंच गईं। ससुराल में पति का शव देखते ही नीलम देवी बेसुध हो गईं। हादसे के दूसरे दिन गुरुवार को भी पूरे गांव में मातम पसरा रहा। ढांढस बांधने आए लोगों की आंखें भी परिजन के चीत्कार से नम हो गईं। ग्रामीणों ने कहा कि यह ऊपर वाला का कैसा न्याय है कि इस दुनिया में जन्म लेते ही पुत्र के सिर से पिता का साया उठ गाय।

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