जरा मांझा पर भी नजरें इनायत कर ले सरकार

गोपालगंज। चुनावी मूड में आते जा रहे मांझा के निवासियों को यहां का पिछड़ापन सलाने लगा ह

By Edited By: Publish:Fri, 09 Oct 2015 02:53 AM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2015 02:53 AM (IST)
जरा मांझा पर भी नजरें इनायत कर ले सरकार

गोपालगंज। चुनावी मूड में आते जा रहे मांझा के निवासियों को यहां का पिछड़ापन सलाने लगा है। सड़कों का जाल बिछाने के सरकारी दावे के बीच आज भी यहां के लोगों के लिए सड़क ही मुख्य समस्या बनी गयी है। इस प्रखंड से कई प्रखंडों को जोड़ने वाली आरइओ की भड़कुइया सड़क जानलेवा बनी हुई है। ग्रामीण बताते हैं कि मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड के लोगों के लिए राष्ट्रीय उच्च पथ के अलावा यही एकमात्र महत्वपूर्ण सड़क है। यह सड़क आस्था के केंद्र ऐतिहासिक थावे मंदिर को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ती है। लेकिन इसकी दशा ऐसी हो गयी है कि इस पर चलने से पहले राहगीरों को कई बार सोचना पड़ता है। ग्रामीण बतातें हैं कि सड़क के साथ ही बिजली भी समस्या बनी हुई है। एक तो बिजली मिलती नहीं और अगर ट्रांसफार्मर खराब हो गया तो उसे महीनों नहीं बदला जाता है। उच्च शिक्षण संस्थान का नहीं होना भी यहां के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। ग्रामीण बताते हैं कि करीब ढ़ाई लाख की आबादी वाले मांझा प्रखंड में एक कॉलेज तक नहीं है।

कहते हैं लोग

फोटो फाइल: 8 जीपीएल 8

मांझा प्रखंड विकास में काफी पिछड़ गया है। यहां के लोगों की आय कृषि पर आधारित है। प्रखंड का आधा क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त इलाका है। हर साल बाढ़ से फसल बर्बाद होती है। विकास में पिछड़े यहां के लोग परेशानी झेल रहे हैं। इस प्रखंड के विकास की उपेक्षा की जा रही है।

सुरेश प्रसाद

भड़कुइया निवासी

हर चुनाव में विकास का वादा किया जाता है। लेकिन चुनाव के बाद वादा खिलाफी की जाती है। इसी प्रखंड में पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफ्फूर का गांव है। लेकिन विकास के नाम पर यहां प्रखंड काफी पीछे है।

रंजीत सिंह

मोहर सिंह के टोला निवासी

हर चुनाव में विकास के वादे किये जाते हैं। लेकिन उसके बाद उसे भुला दिया जाता है। चुनावी वादों पर से विश्वास उठता जा रहा है। मांझा में मुख्य सड़क की हालत खराब है। पानी की व्यवस्था नहीं है। बिजली की समस्या भी है। इसके बावजूद इस प्रखंड का विकास करने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

राजन कुमार प्रसाद

कर्णपुरा निवासी

मांझा विकास के लिए आज भी तरह रहा है। बेहतर शिक्षा व्यवस्था की कमी है। बिजली भी समस्या बनी हुई है। सड़कों की भी यही स्थिति है।

प्रेम कुमार

मांझा बाजार निवासी

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