दुष्‍कर्म के बाद नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया था, मिली फांसी की सजा

बिहार के गोपालगंज जिले में एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसे जिंदा जला दिया गया था। आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sat, 30 Jun 2018 06:14 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jun 2018 06:31 PM (IST)
दुष्‍कर्म के बाद नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया था, मिली फांसी की सजा
दुष्‍कर्म के बाद नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया था, मिली फांसी की सजा

गोपालगंज [जेएनएन]। बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा थाना के पिपरा गांव से एक नाबालिग लड़की का अपहरण के बाद उसे जिंदा जलाकर हत्या किए जाने के मामले में एकमात्र आरोपित को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने शनिवार को फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपित को चनावे स्थित मंडल कारा भेज दिया गया।

जानकारी के अनुसार, मांझा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव की एक नाबालिग लड़की का 9 मार्च 2017 को उस समय अपहरण कर लिया गया, जब वह अपने घर में सो रही थी। नाबालिग के गायब होने की जानकारी परिवार के लोगों को अगले दिन लगी।

परिवार के लोग अभी उसकी खोजबीन कर रही रहे थे कि मांझा थाने की पुलिस ने 20 अप्रैल 2017 को सूचना दी कि गुजरात के बड़ोदरा जिले के मकरपुरा थाना में नाबालिग का जला शव बरामद किया गया है। इस सूचना के बाद नाबालिग के पिता बड़ोदरा पहुंचे, जहां उनकी नाबालिग पुत्री का शव मिला। जांच पड़ताल में गुजरात पुलिस ने पाया कि अपहरण के बाद नाबालिग को बड़ोदरा में किराए के मकान में रखा गया था। जहां दुष्कर्म के बाद 19 अप्रैल 2017 की रात्रि उसकी मिट्टी का तेल छिड़क जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई।

इस घटना को लेकर नाबालिग के पिता के बयान पर मांझा थाने में कांड संख्या 67/2017 प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमे मांझा थाने के कर्णपुरा गांव के अजित कुमार के अलावा विशाल कुमार को नामजद आरोपित बनाया गया।

इस मामले में पुलिस ने एकमात्र आरोपी अजित कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोप पत्र आने के बाद इस चर्चित घटना की सुनवाई प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भरत तिवारी के न्यायालय ने आरोपित अजित कुमार को दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।

सजा सुनाए जाने के बाद आरोपित को मंडल कारा भेज दिया गया। इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पॉस्को दरोगा सिंह तथा बचाव पक्ष की और से प्रभुनाथ सिंह ने न्यायालय में अंतिम बहस की।

फांसी की सजा पर पिता ने कहा अब मिला न्याय

नाबालिग लड़की की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में आरोपित को फांसी की सजा मिलने पर लड़की के पिता ने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब जाकर न्याय मिला है। लड़कियों के साथ दुष्कर्म तथा हत्या करने वालों को फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए।

साइकिल का पंचर बनाने की दुकान चलाते थे पिता

हत्यारों की शिकार बनी नाबालिग लड़की के पिता साइकिल का पंचर बनाने की दुकान चलाते थे। लेकिन बेटी की हत्या के बाद इन्होंने दुकान बंद कर दिया। नाबालिग लड़की के पिता ने बताया कि बेटी की हत्या से वे इतने आहत हो गए हैं कि अब उनका कोई भी कार्य करने में मन नहीं लगता है। इसी कारण दुकान भी बंद हो गई।

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