नहाय-खाय के साथ चैती छठ महापर्व प्रारंभ

नहाय-खाय के साथ चार दिन तक चलने वाले सूर्योपासना के महापर्व चैती छठ की शुरुआत मंगलवार को हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 07:53 AM (IST)
नहाय-खाय के साथ चैती छठ महापर्व प्रारंभ
नहाय-खाय के साथ चैती छठ महापर्व प्रारंभ

गोपालगंज : नहाय-खाय के साथ चार दिन तक चलने वाले सूर्योपासना के महापर्व चैती छठ की शुरुआत मंगलवार को हो गई। व्रत धारण करने वाली महिलाओं ने नहाय-खाय को लेकर पोखरों में स्नान किया। इसके साथ ही इस पर्व को लेकर बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी भी तेज हो गई है। छठ घाटों को सजाने संवारने का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है। घाटों पर पर्याप्त रोशनी के लिए लाइटें तथा झालर लगाने का काम भी शुरू हो गया है।

मंगलवार को छठ व्रत धारण करने वाली महिलाओं ने नहाय-खाय के मौके पर घरों की विधिवत सफाई कर पोखरों में स्नान करने के बाद चावल, अरहर की दाल व लौकी की सब्जी खाया। इसके बाद पूजा खरीदारी का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह देर शाम तक चलता रहा। मंगलवार को दिन चढ़ने के साथ शहर से लेकर कस्बाई बाजारों में महिलाओं की भारी भीड़ जमा हो गई। शहर के स्टेट बैंक चौक से लेकर बड़ी बाजार तक सड़कों के किनारे सजी पूजा सामग्रियों की दुकानों पर खड़े लोग अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। छठ पूजा के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले सामान की बढ़ी हुई कीमतें भी व्रत धारण करने वाली महिलाओं को प्रभावित नहीं कर सकी। दउरा, सुपली, नारियल, पत्ता आदी, पत्ता हल्दी, सुथनी, कच्चा केला, अरता का पत्ता, पान, सुपारी, गागल, शरीफा, शकरकंद, पानी फल, सेव, पका केला तथा अन्य पूजा सामग्रियों को खरीदने के लिए लोगों भी भीड़ लगी रही। कपड़ों की दुकानों पर भी लोगों की काफी चहल पहल रही। नहाय-खाय के बाद बुधवार को व्रत धारण करने वाली महिलाएं पूरे दिन खरना करेंगी। इसके अगले दिन गुरुवार को व्रत धारण करने वाली महिलाएं शाम को अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को पहला अ‌र्घ्य देंगी। शुक्रवार की तड़के उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का विधिवत समापन हो जाएगा। घाटों पर रहेगा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध

छठ घाट पर अ‌र्घ्य देने के लिए व्रती महिलाओं से लेकर पुरुष की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किया जाएगा। इसके साथ ही घाटों पर रोशनी आदि के प्रबंध के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। ताकि व्रत के दौरान हर ओर शांति व सुरक्षा का माहौल बना रह सके। व्रत धारण करने वाली महिलाओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

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