यहां हाकिम के सामने ही टूट रहे नियम

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : वैसे तो नियमों के अनुसार सरकारी भवन व बाउंड्री वाल के साथ ही सार्वजनिक

By Edited By: Publish:Tue, 31 Mar 2015 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2015 05:14 PM (IST)
यहां हाकिम के सामने ही टूट रहे नियम

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : वैसे तो नियमों के अनुसार सरकारी भवन व बाउंड्री वाल के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर बैनर लगाने की मनाही है। लेकिन यहां हाकिम के सामने ही इस नियम की धज्जियां उड़ रही है। कलेक्ट्रेट मुख्य गेट के अलावा विभिन्न चौक-चौराहों पर स्थिति सरकारी स्मारकों के ऊपर लगाये गये पोस्टर व बैनरों पर प्रशासन की अनदेखी की कहानी खुद कह रहे हैं।

सरकार ने सरकारी संपत्ति पर पोस्टर व बैनर लगाने वालों पर संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई किये जाने का प्रावधान कर रखा है। लेकिन यहां प्रशासन को इस एक्ट की याद चुनावों के समय ही आती है। ऐसे में चुनाव का समय समाप्त होने के बाद हर दिन इस एक्ट की धज्जियां उड़ती है। जनवरी से मार्च तक सरकारी भवनों व दीवारों पर कोचिंग कंपनियों से लेकर स्कूलों व नेताओं के पोस्टर लगते हैं। कभी होली की शुभकामना तो कभी दीपावली व छठ की शुभकामना, कभी ईद तो कभी बकरीद की शुभकामना के पोस्टर हरेक चौक चौराहों पर लग जाते हैं। हद तो तब होती है कि चौक-चौराहों पर बनाए गये देश के तमाम महापुरुषों की प्रतिमा के बाहर बनायी गयी बाउंड्री पर चारों ओर पोस्टर लगा दिये जाते हैं। कई बार मोबाइल कंपनियों के पोस्टर से ये इलाके पटे नजर आते हैं। बावजूद इसके प्रशासन की नजर इस ओर नहीं पड़ती है।

क्या है नियम

गोपालगंज : नियमों की बात करें तो सरकारी भवनों व दीवारों पर पोस्टर लगाये जाने पर पोस्टर लगाने वाले लोगों की पहचान कर उसपर कानूनी कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है। इसके तहत संबंधित थाने में पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति पर संपत्ति विरुपण अधिनियम कह सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाती है। यह कार्रवाई पुलिस या प्रशासनिक स्तर पर की जाती है।

नहीं है किसी की नजर

गोपालगंज : एक्ट की जानकारी होने के बाद भी प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ ही पुलिस अधिकारियों की नजर इन पोस्टरों की ओर नहीं है। हद तो यह कि इन पोस्टरों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही उन्हें हटाने के लिए कोई आदेश ही किया गया है।

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