पांच साल में भी सीओ ने नहीं सौंपी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने की योजना अंचल पदाधिकारियों की सर्किल म

By Edited By: Publish:Tue, 31 Mar 2015 04:33 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2015 04:33 PM (IST)
पांच साल में भी सीओ ने नहीं सौंपी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने की योजना अंचल पदाधिकारियों की सर्किल में ही दिनोंदिन उलझता जा रहा है। पर्यटन विभाग ने इस क्षेत्र में काफी प्रयास भी किया है। बावजूद इसके अंचल स्तर पर तैनात पदाधिकारी व कर्मियों की मनमानी का ही नतीजा है कि पांच साल से जिले में चयनित पांच स्थलों का विकास करने की योजना संचिकाओं तक उलझकर रह गयी है।

जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच साल पूर्व थावे दुर्गा मंदिर, नकटो भवानी के मंदिर सहित चार स्थानों का चयन करने के बाद उसके लिए राशि भी उपलब्ध करा दी गई थी। इन मंदिरों के इर्द-गिर्द निर्माण कार्य होने तक सौंदर्यीकरण से लोगों में खुशी दिखने लगी। करीब पांच साल पूर्व जिले में ऐसे पांच स्थलों का चयन पर्यटन विभाग ने किया, जहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इन चयनित स्थलों के बारे में पूरी रिपोर्ट पर्यटन विभाग के तत्कालीन अपर सचिव पीसी शरण ने जिला प्रशासन से मांगी। इसके बाद इस संबंध में जिला विकास शाखा ने सभी अंचल पदाधिकारियों से इस संबंध में आठ बिन्दुओं पर रिपोर्ट तलब किया। लेकिन जिले के महत्व व यहां की प्रसिद्धि से जुड़े मामलों में अपनी रिपोर्ट सौंपने में तमाम सीओ चुक गये। कुचायकोट, बरौली तथा फुलवरिया के सीओ ने विभागीय पत्र को दरकिनार कर दिया और एक साल बाद तक कोई भी रिपोर्ट जिला प्रशासन को नहीं सौंपी। ऐसे में पर्यटन के नक्शे पर जिले के पांच स्थलों को चमकाने की योजना कागज पर ही सिमट गयी है।

किन स्थलों का होना था विकास

- अहिरौली दुबौली स्थित संकट मोचन धाम व हनुमान मंदिर का विकास व सौंदर्यीकरण कार्य

- कमलाकान्त कररिया में स्थित राम-जानकी मंदिर का विकास, सौंदर्यीकरण, धर्मशाला, बाउंड्री व लाइट की व्यवस्था

- बघेजी में स्थित विशाल तालाब को पर्यटन के योग्य विकसित करना

- पथरा गांव स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण का घाट का निर्माण

इन बिन्दुओं पर देनी थी रिपोर्ट

- स्थल का नाम

- ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातात्विक महत्व

- पर्यटकों की संख्या

- आवागमन की सुविधा

- भूमि की उपलब्धता व इसकी प्रकृति

- वर्णित स्थल के संबंध में प्रस्तावित कृत कार्रवाई

- पर्यटकों के संबंध में विभिन्न जन सुविधाओं का विकास

- स्थल के सौंदर्यीकरण की आवश्यक्ता के बारे में प्रतिवेदन

- संभावित प्राक्कलित राशि

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