जल-जीवन-हरियाली से गांवों में आई खुशहाली, किसानों को मिली पटवन की सुविधा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना जिले में प्रभावी दिख रही है। इसके तहत गांवों में विभिन्न जल संरचनाओं (जलाशय तालाब व पोखर) का निर्माण हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 09:25 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 02:08 AM (IST)
जल-जीवन-हरियाली से गांवों में आई खुशहाली, किसानों को मिली पटवन की सुविधा
जल-जीवन-हरियाली से गांवों में आई खुशहाली, किसानों को मिली पटवन की सुविधा

गया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना जिले में प्रभावी दिख रही है। इसके तहत गांवों में विभिन्न जल संरचनाओं (जलाशय, तालाब व पोखर) का निर्माण हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि जिले के अलग-अलग प्रखंडों में जलस्रोतों का जीर्णोद्धार, आहर, पईन व अन्य का निर्माण कराया गया है। इसी का नतीजा है कि जलस्रोतों से जलस्तर बढ़ा है और इससे किसान अपने खेतों में पटवन कर रहे हैं। वजीरगंज में एक हजार एकड़, बेलागंज में 3500 एकड़, बोधगया में 440 एकड़, कोंच में 440 एकड़, मोहड़ा में एक हजार एकड़, खिजरसराय में 230 एकड़, डुमरिया में 200 एकड़ व टिकारी में 600 एकड़ भूमि के पटवन के लिए जलाशयों का निर्माण हुआ है।

वजीरगंज : जल-जीवन हरियाली योजना से आहर-पईन स्पील-वे, आउटलेट, कलवर्ट, गंड़ी प्रोटेक्शन वाल, फुटब्रिज का कार्य कराया गया है। इससे प्रखंड के पंचायत- पतेड़-मंगरावा, ग्राम-बसुआ, अमैठा, मिशरीचक, तेलबिगहा व पहीपुर के 1000 एकड़ का पटवन किया जा रहा है। इस पर 249.76 लाख रुपये खर्च हुए हैं। जीर्णोद्धार कार्य से किसानों के बीच में खुशहाली लौट आई है, इससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज हुआ है और वाटर लेवल ऊपर आ गया है।

बेलागंज : इस प्रखंड में वियर का निर्माण कार्य हेड रेगुलेटर आउटलेट, ब्रिज, स्पीलवे व प्रोटेक्शन वाल का निर्माण कराया गया है। इस योजना से प्रखंड की पंचायत कोरमथु के ग्राम- चेतर, नरहन, माछिल, चकोरी बिगहा, खरका, चौबा बिगहा, पाई बिगहा, बसंत बिगहा, कोरमथु, बेलाडिह, रमनी बिगहा, नेमा बिगहा, मंझार मनरशा, नया बिगहा व सोनवर्षा की 3500 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। इस पर 983.520 लाख रुपये खर्च हुए हैं। योजना अंतर्गत चीरमीची बिगहा में दरधा नदी में वियर का निर्माण किया गया है। वियर का निर्माण कर पानी को रोका गया है। तीन पईन द्वारा किसानों को पटवन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। नदी पर 20 वर्ष पूर्व कच्चा बांध कर कृषकों द्वारा पटवन किया जाता था। वियर का निर्माण कर किसानों को पटवन की सुविधा मुहैया कराई गई है। योजना से ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो सका, इससे जलस्तर भी ऊपर आ गया है।

बोधगया : प्रखंड में आहर व पईन का जीर्णोद्धार कार्य, आउटलेट, कलवर्ट, गंडी, फुटब्रिज व स्पीलवे का निर्माण कार्य कराया गया है। प्रखंड की धंधवा पंचायत के ग्राम धंधवा, चौरवा की कुल 440 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। इस पर 104.14 लाख रुपये खर्च हुए हैं। जंगल से निकलकर पटवन करती हुई पईन धंधवा आहर में गिर जाती है। इसके उपरांत अन्य आहरों को भी भरती है। आहर व पईन में सिल्ट भर जाने के कारण किसानों को लगभग पांच वर्षो से पटवन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसका जीर्णोद्धार कर पटवन का पूरा लाभ किसानों को दिलाया गया है। इसके साथ यहां पीने का पानी की समस्या खत्म हो गई है।

कोंच : योजना के अंतर्गत प्रखंड में आहर का जीर्णोद्धार कार्य, आउटलेट, प्रोटेक्शन वाल व स्टेप प्रोटेक्शन का निर्माण कार्य हुआ है। पंचायत तिनेरी के ग्राम बिरनामा व आती के आशिक भाग की कुल 440 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। योजना पर 110.83 लाख रुपये खर्च हुए हैं। योजना में हाई पैच से आहर में पानी आता है। आहर में सिल्ट भर गई थी और बांध कमजोर हो गया था। उसका जीर्णोद्धार कार्य कराकर किसानों को आठ वर्षो के बाद पटवन का लाभ दिलाया गया है।

मोहड़ा : प्रखंड में वियर आहर, पईन, आउटलेट, कलर्व, गंड़ी प्रोटेक्शन वाल, स्पीलवे व इनलेट का कार्य कराया गया है। योजना से तेतर, चरवारा व पंडितपुर की 1000 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। इस पर 278.25 लाख रुपये खर्च हुए हैं। योजना में पहाड़ के बीच में वियर का निर्माण कार्य किया गया, जिसे पानी रोककर पईन द्वारा आहर में लिया गया है। इस तरह किसानों को लगभग दस वर्षो के बाद पटवन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

खिजरसराय : इस प्रखंड में भी योजना के तहत आहर-पईन का जीर्णोद्धार, आउटलेट, स्पीलवे व प्रोटेक्शन वाल का निर्माण कार्य हुआ है। प्रखंड की बिहटा पंचायत के जगडीहा की कुल 230 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। इस पर 70.26 लाख रुपये की लागत आई है। नैली की ब्रांच पईन से पानी आकर आहर को फीड करता है तथा आउटलेट से किसानों को पटवन का लाभ मिलता है। आहर व पईन में सिल्ट भर जाने के कारण किसानों को पटवन का पूरा लाभ करीब छह वर्षो से नहीं मिल रहा था। इसका जीर्णोद्धार कार्य कराकर पटवन का पूर्ण लाभ किसानों को दिलाया गया है।

डुमरिया : इस प्रखंड में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने और हरियाली को वापस लाने के लिए आहर व पईन का जीर्णोद्धार कार्य, आउटलेट, स्पीलवे व इनलेट का निर्माण कराया गया है। महुडी पंचायत के ग्राम महुडी की कुल 200 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। इस पर 44.13 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इसके जरिए पहाड़ का पानी पईन में आता है उससे आहर व पोखर भी फीड होता है। इसके जीर्णोद्धार से किसानों को लगभग छह वर्षो के बाद पटवन का लाभ मिला है।

कोंच : इस प्रखंड के कोंच गांव में करीब 385 एकड़ खेतिहर जमीन का पटवन कराया जा रहा है। योजना में पोखर का जीणोद्धार कार्य, आउटलेट, इनलेट व स्टेप प्रोटेक्शन का निर्माण कराया गया। इन निर्माण कार्यो पर कुल 82.27 लाख खर्च हुए रुपये हैं। योजना में हाई पैच से इनलेट के द्वारा पानी पोखर में आता है और आउटलेट द्वारा पटवन होता है। पोखर में सिल्ट भर गई थी, जिससे जीर्णोद्धार कराने की आवश्यकता हुई। जीर्णोद्धार के बाद पोखर के जल संचयन की क्षमता में वृद्धि हुई है। पांच वर्षो के बाद कृषकों को पटवन का लाभ मिला है। इससे पीने के पानी की समस्या खत्म हो गई है। टिकारी : योजना के अंतर्गत पोखर का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया है। इसके साथ आउटलेट, इनलेट एवं स्टेप प्रोटेक्शन वॉल का निर्माण भी हुआ। मऊ गांव में 600 एकड़ भूमि का पटवन किया जा रहा है। योजना पर 125.96 लाख रुपये खर्च हुए हैं। योजना में हाई पैच से पानी इनलेट के द्वारा पोखर में आता है और आउटलेट से पटवन होता है। पोखर में बड़ी मात्रा में सिल्ट भर गई थी। पांच वर्षो के बाद किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल पाई है। ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने से जलस्तर भी उठा है। इससे पेयजल की समस्या भी कम हो गई है।

chat bot
आपका साथी