रोहतास का डेहरी ऑन सोन पीडीडीयू मंडल का तीसरा धनी स्टेशन, लेकिन पर्याप्‍त शेड तक नहीं

रोहतास का डेहरी ऑन सोन स्‍टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय रेलमंडल का तीसरा सबसे धनी स्‍टेशन है। लेकिन प्‍लेटफॉर्म पर बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है। न पर्याप्‍त शेड है और न अन्‍य यात्री सुविधाएं। यहां प्रतिदिन लाखों की आमदनी होती है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 10:46 AM (IST)
रोहतास का डेहरी ऑन सोन पीडीडीयू मंडल का तीसरा धनी स्टेशन, लेकिन पर्याप्‍त शेड तक नहीं
पीडीडीयू मंडल का तीसरा धनी स्‍टेशन। जागरण

संवाद सहयोगी, डेहरी ऑन सोन( रोहतास)। देश के  व्यस्ततम ग्रैंड कॉर्ड रेल खंड पर स्थापित पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के पीडीडीयू मंडल (PDDU Division) का तीसरा धनी रेलवे स्टेशन डेहरी ऑन-सोन स्टेशन है। लेकिन विडंबना यह कि यहां के प्लेटफार्म पर शेड तक नहीं है। यात्रियों को गर्मी या बारिश के दिनों में सर ढकने के लिए भरपूर मात्रा में शेड मयस्सर नहीं है। स्‍टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। न बुकिंग काउंटर दुरुस्‍त है आैर न अच्‍छा प्‍लेटफार्म। बुकिंग काउंटर काे भी दुरुस्‍त नहीं किया जा सका है।

हर दिन लाखों रुपये की हो रही आमदनी  

डेहरी आॅन सोन स्टेशन को वर्ष 2018-19 में औसतन प्रतिमाह एक करोड़ 92 लाख 41हजार 390 रुपये राजस्‍व की प्राप्ति हुई।  प्रतिदिन के हिसाब से यह आंकड़ा बैठता है 6 लाख 41 हजार 379 रुपये। इसी  तरह वर्ष 2019-20 में कुल 23 करोड़ 44 लाख 57 हजार 147 रुपये का राजस्व मिला।  माह  के हिसाब से एक करोड़ 95 लाख 38 हजार 95 रुपये एवं औसतन प्रतिदिन 6 लाख 42 हजार 348 रुपये मिले। वह भ्‍ाी तब जब कोरोनाकाल का भी कुछ असर पड़ा था। लेकिन कोरोनाकाल के इस वर्ष 2020-21 में भी तेजी से राजस्व प्राप्ति की और बढ़ रहा है। केवल दिसम्बर माह  में ही इस स्टेशन की आमदनी 36 लाख 3 हजार  753 रुपये रही है। यात्रियों की बात करें तो वर्ष 2018-19 में 2 करोड़ 46लाख 4 हजार 948 लोगों ने  इस स्टेशन से यात्रा की। वहीं वर्ष 2019-20 में यह आकंडा बढ़कर 2 करोड़ 50 लाख 76 हजार 982 हो गया। 

एक ही हॉल में छह काउंटर पर उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां  

इस स्टेशन पर कुल छह प्लेटफार्म है। उनकी लंबाई क्रमशः 758, 788, 1115, 1096, 818 एवं 247 मीटर है। लेकिन चिलचिलाती धूप या तेज बारिश में यात्रियों को सर ढंकने के लिए पर्याप्त शेड भी मयस्सर नहीं है। तीन, चार, पांच, एवं छह नंबर प्लेटफार्म पर महज 25 -25 फीट लंबा शेड है। इन शेड के नपीचे दो दो सिमेंटेड एवं लकड़ी की कुर्सियां है। दो आरक्षण टिकट एवं तीन अनारक्षित टिकट काउंटर है। सभी काउंटर  खुले रहते हैं। किंतु एक ही हॉल में इन सभी के होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इस कोरोना काल में शारीरिक दूरी के तमाम नियम इन काउंटरों पर धरे के धरे रह जाते हैं। इसी तरह यदि एक नंबर प्लेटफार्म को छोड़ दें तो सभी प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बेहद ही कम है। इस वजह से कई यात्रियों की मौत ट्रेन पर चढ़ने या उतरने के दौरान हो गई है।  रेलवे की लापरवाही ऐसी कि 2018 से बंद उपरी पैदल पुल का पुनर्निर्माण अवधि पूरा होने के बाद भी नहीं हो सका। ना ही सीएसआर से शौचालय का निर्माण हो सका। सभी प्‍लेटफॉर्म पर कोच इंडिकेटर तक नहीं हैं।

स्टेशन पर फिलहाल 24 जोड़ी  ट्रेनों का है ठहराव गया -डेहरी पैसेंजर डेहरी -मुगलसराय पैसेंजर पुरुषोत्तम एक्सप्रेस महाबोधि एक्सप्रेस पूर्वा एक्सप्रेस पलामू एक्सप्रेस शिप्रा एक्सप्रेस डेहरी बडकाखाना पैसेंजर, राजधानी एक्सप्रेस ( रांची-नई दिल्ली ) जोधपुर एक्सप्रेस ( हावड़ा-जोधपुर ) जोधपुर एक्सप्रेस ( हावड़ा-बीकानेर) हावड़ा मुंबई मेल गरीबरथ एक्सप्रेस ( रांची-नई दिल्ली ) लोकमान्य एक्सप्रेस ( रांची से लोकमान्य मुंबई ) पारसनाथ एक्सप्रेस ( भावनगर- पारसनाथ ) हावड़ा ऋषिकेश एक्सप्रेस गया-चेन्नई एक्सप्रेस निलांचल एक्सप्रेस नंदनकानन एक्सप्रेस नेताजी एक्सप्रेस गंगा-सतलज एक्सप्रेस संबलपुर एक्सप्रेस पटना भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित आज से चालू हो रही कोल्हापुर-धनबाद दीक्षाभूमि एक्सप्रेस

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