Bihar Election 2020: 58 फीसद वोटों पर टिका पूर्व सीएम व पूर्व विस अध्यक्ष की किस्‍मत का फैसला

Bihar Election 2020 इमामगंज विधानसभा सीट राज्‍यभर की चर्चित सीटों में से एक है। यहां पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी भाग्‍य आजमा रहे हैं। इस बार हुई वोटिंग में दो फीसद का इजाफा होने से चर्चा और कयासों का दौर गर्म है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 09:48 AM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 09:48 AM (IST)
Bihar Election 2020: 58 फीसद वोटों पर टिका पूर्व सीएम व पूर्व विस अध्यक्ष की किस्‍मत का फैसला
गया के एक बूथ पर मतदान। फाइल तस्‍वीर।

गया, जेएनएन। एक सप्ताह पूर्व मतदान संपन्‍न होने के बाद से कयासों का दौर जारी है। चौक-चौराहे पर जहां लोगों का जुटान हुआ, बस वोट की चर्चा। कोई किसी को जिता रहा है तो किसी को हरा रहा है। अब महज पांच दिन शेष बचे हैं कयासों के सिलसिला पर विराम लगने में।

बात इमामगंज विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां 58.12 फीसद वोटिंग हुई। जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में 56.13 प्रतिशत वोट पड़े थे। यानि दो फीसद वोट की बढ़ोतरी इस विधानसभा क्षेत्र में हुई। अगर 2015 के आंकड़ों को हम देखते हैं, तो पाते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को 79389 वोट मिले थे और वे विजयी हुए थे। उस वक्त पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े थे, और उन्हें 49981 मत मिले थे। लगभग 29 हजार के वोट का फसला था।

इस बार दो प्रतिशत वोट बढऩे की चर्चा है। दोनों के समर्थक अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं। इस क्षेत्र की जनता भी उनके दावे को इस बार सच मान लेती है, उसे यह समझ में नहीं आ रहा है कि पट किसकी और चित कौन होगा।

दोनों प्रत्‍याशी राजनीति के दिग्‍गज माने जाते हैं। क्षेत्र में उनकी अपनी सूझबूझ है और जनता की नब्ज पकड़ना भी जानते हैं। चूंकि यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित है। वैसे में विकास का झंडा भी क्षेत्र की जनता भी समझती है, कौन किसके लिए क्या करेंगे? अब तो वोट हो गया। इसलिए अगले पांच साल उसी विकास के झंडे को लेकर लोग जयकार लगाएंगे।

फिलहाल वोट के प्रतिशत का गणित इस क्षेत्र के जातीय राजनीति पर भी हावी रहा है। क्षेत्र में कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें तीन निर्दलीय और सात राजनीतिक दलों से जुड़े। गौर करने वाली बात यह भी है कि उम्मीदवारों की इस फेहरिस्त में लोजपा की कुमारी शोभा सिन्हा ने भी अपनी जबदस्त उपस्थिति दी है। चूंकि वह इस क्षेत्र की बहू के साथ-साथ पूर्व विधायक रामस्वरूप पासवान की पुत्रबहू है। वैसे में सीधे-सीधे मुकाबले के बीच त्रिकोणीय संघर्ष था, जो 10 नवंबर को ईबीएम से सामने आएगा।

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