इस विद्यालय में प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं, जरूरी सुविधाओं का भी अभाव

- फोटो - 801 -मानपुर के सोहैयपुर प्लस टू लीला महतो स्मारक उच विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं -------- बदहाली -गणित अंग्रेजी हिंदी के अलावा कई और विषयों के शिक्षक नहीं -शौच या फिर अन्य कार्यो के लिए कुएं के पानी का किया जाता उपयोग ------------ -1972 में दस कमरे का बनाया गया था भवन -1975 में सरकार ने विद्यालय को दी मंजूरी -2015 में उत्क्रमित होकर बना प्लस टू -823 विद्यार्थी हैं इस विद्यालय में -------- संवाद सूत्र मानपुर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 07:03 PM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 07:03 PM (IST)
इस विद्यालय में प्रमुख विषयों के शिक्षक
नहीं, जरूरी सुविधाओं का भी अभाव
इस विद्यालय में प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं, जरूरी सुविधाओं का भी अभाव

गया । दैनिक जागरण के ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है। अभी तक जिले के अधिकतर स्कूलों में खामिया नजर आई हैं। इस बदहाली के लिए सिर्फ शिक्षक को ही दोषी ठहराना उचित नहीं होगा। अभिभावकों के साथ विभाग भी जिम्मेदार है। पुस्तक, छात्रवृति व पोशाक वितरण समय पर नहीं होने के साथ स्कूलों में जरूरी सुविधाओं का न होना भी कारण है। शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

हमारे प्रतिनिधि मानपुर के सोहैपुर स्थित प्लस टू लीला महतो स्मारक उच्च विद्यालय की पड़ताल की। विद्यालय समय पर खुला था। शिक्षक भी उपस्थित थे। स्मार्ट क्लास में गए तो नौवीं कक्षा के विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे थे। एक बच्चे से बिहार के मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसने फटाक से नीतीश कुमार बोला। पास में ही रहे एक नौवीं कक्षा के विद्यार्थी से प्रधानमंत्री का नाम पूछा तो कुछ देर सोचकर बोला, नरेंद्र मोदी।

विद्यार्थियों की उपस्थिति काफी कम थी। कहा गया कि शनिवार होने के कारण संख्या कम है। कुछ बच्चों ने बताया कि हमलोग नियमित विद्यालय आते हैं। स्मार्ट क्लास से हमलोगों को काफी लाभ मिल रहा है। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों ने भी व्यवस्था में कई खामियां गिनाई।

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विषयवार शिक्षक नहीं

इस इलाका के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से लीला महतो स्मारक उच्च विद्यालय को 2015 में प्लस टू का दर्जा दिया गया। 16 शिक्षकों की यूनिट में पांच शिक्षक नियुक्त किए गए। गणित अंग्रेजी, हिंदी, भौतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र ,समाजशास्त्र आदि विषयों के एक भी शिक्षक नहीं हैं। इसके कारण यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। यहां 11वीं के 81 और 12वीं में 51 बच्चे नामांकित हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज कुमार कहते हैं, उच्च विद्यालय में 11 शिक्षकों का यूनिट है, जिसमें नौ शिक्षक नियुक्त हैं। नौवीं में 274 और दसवीं में 417 बच्चे नामांकित हैं। दसवीं कक्षा के बच्चे बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। इसकी वजह से उक्त विद्यार्थी विद्यालय में नहीं आते।

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पेयजल की किल्लत

विद्यालय में पेयजल की किल्लत है। परिसर में दो चापाकल लगे हैं, लेकिन एक भी पानी नहीं देता। ऐसे में प्रतिदिन आरओ का पानी करीब पांच किमी दूर से मंगाया जाता है। वहीं, शौच या फिर अन्य कार्यो के लिए कुएं के पानी का उपयोग किया जाता है।

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भवन को चुका है जर्जर

लीला महतो ने उच्च विद्यालय के लिए पांच एकड़ भूमि दान स्वरूप दिया। वर्ष 1972 में दस कमरे का भवन बनाया गया। वर्ष 1975 में सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी। उसके बाद सम विकास योजना से चार कमरे का एक भवन और बनाया गया। इसके एक कमरे में खूलकूद की सामग्री तो दूसरे कमरे में पुस्तकालय है। विद्यालय भवन की मरम्मत आज तक नहीं कराई गई। इसके कारण भवन जर्जर हो चुका है।

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जुआड़ियों का अड्डा

विद्यालय में शिक्षण कार्य समाप्त होते ही जुआड़िओं का जमावड़ा लग जाता है। आवारा पशु भी विचरण करते रहते हैं। हालांकि, सुरक्षा के लिए एक गार्ड तैनात है लेकिन चारदीवारी जगह-जगह से टूटे होने के कारण जुआड़ी विद्यालय परिसर में घुस जाते हैं।

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प्रस्तुति : विश्वनाथ प्रसाद

मो. : 9631053281

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