रोहतास में 27 से 31 जनवरी तक होगी टीबी के एक्टिव मरीजों की जांच, डोर-टू-डोर चलेगा अभियान

रोहतास जिले में टीबी रोग की जांच के लिए सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए आशा को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर स्‍क्रीनिंग की जाएगी। किसी में लक्षण दिखने पर उसकी जांच कराई जाएगी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 09:32 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:32 AM (IST)
रोहतास में 27 से 31 जनवरी तक होगी टीबी के एक्टिव मरीजों की जांच, डोर-टू-डोर चलेगा अभियान
रोहतास में 27 से चलेगा सघन टीबी जांच अभियान। प्रतीकात्‍मक फोटो

जागरण संवाददाता, सासाराम  (रोहतास)। टीबी (Tuberculosis) बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान 27 से 31 जनवरी तक रोहतास जिले में चलेगा। इसके लिए आशा को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। अभियान से पूर्व जेल, बाल गृह, वृद्धाश्रम समेत अन्य कम आवाजाही वाले जगहों पर रहने वाले दो सौ लोगों की जांच अबतक की जा चुकी है। उचित परामर्श भी‍ दिया जा रहा है।

महादलित बस्तियों के लोगों की होगी जांच

सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि 27 जनवरी से जिले में सघन एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्लम एरिया, क्रशर उद्योग पर काम करने वाले मजदूरों के अलावा जिले की सभी पंचायतों की महादलित बस्ती में रहने वाले लोगों की जांच की जाएगी। साथ ही साथ डोर टू डोर अभियान चलाकर अन्य लोगों की स्क्रीनिंग की की जाएगी। किसी में लक्षण पाए जाने पर उनकी भी जांच की जाएगी। डॉ राकेश कुमार ने बताया कि इस पांच दिवसीय सघन अभियान के लिए आशा को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वे डोर टू डोर जाकर लोगों की को जांच करेंगी। साथ ही साथ उन्हें उचित परामर्श भी देंगी।

बंद जगहों पर रहने वाले दो सौ लोगों की हुई है जांच

सीडीओ ने बताया कि इस अभियान के तहत वैसे लोगों की  जांच की जा रही है जो अधिकतर बंद जगहों पर रहते हैं, और कभी-कभार ही आम लोगों के बीच आते हैं। इसके लिए जिला यक्ष्मा (टीबी) नियंत्रण विभाग की टीम जेल, बाल सुधार गृह, वृद्धा आश्रम सहित वैसे जगहों पर अभियान चला रही है । यहां लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।  उन्‍होंने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत अब तक कुल 200 लोगों की टीबी जांच की गई  है।  उन्होंने बताया कि इन जगहों पर आने वाले लोग कम निकलने की वजह से अपनी जांच नहीं करा पाते हैं| इसलिए इस अभियान के तहत ऐसे लोगों को पहले चरण में रखा गया है।

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