राशन कार्ड बनवाने के लिए दो साल से लगा रहे चक्कर

कल्याणकारी सहित अन्य सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका अहम होती है। ऐसे में उनकी लेटलतीफी से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। नीमचक बथानी अनुमंडल कार्यालय में समय पर अधिकारियों के नहीं पहुंचने से लोगों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 08:22 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 02:24 AM (IST)
राशन कार्ड बनवाने के लिए दो साल से लगा रहे चक्कर
राशन कार्ड बनवाने के लिए दो साल से लगा रहे चक्कर

गया। कल्याणकारी सहित अन्य सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में अधिकारियों और कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। योजनाएं समय पर पूरा होने से राजस्व की बचत के साथ जनता भी लाभान्वित होती है। ये तभी संभव है जब अधिकारी और कर्मचारी समय का पालन करें, लेकिन स्थित विपरीत है।

दैनिक जागरण ने अपने कॉलम ऑन द स्पॉट के तहत सोमवार को नीमचक बथानी अनुमंडल कार्यालय के कामकाज के तौर-तरीकों को जानने का प्रयास किया। कर्मियों की लापरवाही साफ-साफ दिखी। आरटीपीएस और राशन का लाभ लेने के लिए लोग आवेदन देने अनुमंडल कार्यालय आए थे, लेकिन यहां कर्मियों की लेटलतीफी से परेशान दिखे। सुबह 10 बजे : नीमचक बथानी अनुमंडल मुख्यालय के खिजरसराय स्थित कार्यालय के किसी भी कक्ष का ताला नहीं खुला था। 10:02 बजे : आशुलिपिक काति शरण शर्मा आते हैं, जो कार्यालय से सटे हाउस गार्ड के कमरे की तरफ रुख कर लेते हैं। जहां एक आरक्षी के साथ गपशप के बाद अपने कक्ष में काम शुरू करते हैं। 10:15 बजे : कार्यालय सहायक अरुण कुमार आते हैं। अपनी कुर्सी पर बैठने से पहले आशुलिपिक कांति शरण शर्मा के कक्ष में जाकर कुछ बातें करते हैं। 10:27 बजे : सहायक नीतीश कुमार एवं अंबुज कुमार अपने कार्यालय के कक्ष में आते हैं। 10:35 बजे : सरेन से इंदु देवी, मंजु देवी एवं अनिता देवी राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन की प्राप्ति रसीद लेकर आरटीपीएस कार्यालय के पास पहुंचती हैं। यहां कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं होता है। अन्य कर्मियों से उनके आने का समय पूछती हैं। ये तीनों 40 किमी दूर गांव सरेन से आई थीं। 10:45 बजे : लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय के पास दर्जनों लोग कार्यालय खुलने के इंतजार में खड़े हैं। यहा कई वृद्ध महिला व पुरुष पेंशन नहीं मिलने की शिकायत लेकर आए हुए हैं।

11:25 बजे : लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय में आते हैं। अतरी प्रख्ाड के जीरी पंचायत के तेतर मल्लाह, लीला देवी, काति देवी, महतवी देवी के अलावा नरावट की जगीया देवी एवं बच्चू यादव यहां कहते हैं, एक माह से सिर्फ तारीख देकर टरका दिया जाता है। कोई काम नहीं हो रहा है। बता दें कि जब से बैंक खाते में पेंशन की राशि आने की बात हुई तब से इन्हें राशि नहीं मिली है।

10:45 बजे : अतरी के चकरा गाव की सुगिया देवी, रामजी माझी एवं कविन्द्र यादव आपूर्ति पदाधिकारी एवं एसडीएम से मिलने के लिए कार्यालय के बाहर चक्कर लगा रहे थे। वह कहते हैं, जनवितरण विक्रेता कारू राजवंशी के अलावा अन्य दुकानदार शिवबालक माझी की दुकान से तीन माह से राशन का वितरण नहीं किया गया है। कुछ माह पहले इन दुकानों की जांच करने अधिकारी आए थे। तब से दुकान बंद है।

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मीलों सफर करने के बावजूद

बिना कार्य घर लौटने को मजबूर

अतरी प्रखंड के डिहुरी गाव की नसीमा खातुन एवं मो. अरवाज एवं मोहड़ा प्रखंड के रामरती देवी एवं आशा देवी कहती हैं, राशन कार्ड बनाने के लिए दो साल पहले आवेदन दिए थे। आज तक नहीं बना। इस संबंध में कोई भी जानकारी प्रखंड कार्यालय में नहीं मिलती है। लोग 40 से 50 किमी का सफर तय कर यहा आते हैं और खाली हाथ लौट जाते हैं। लगता नहीं है कि जनता की परेशानियों से अधिकारियों को कोई लेना-देना है।

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ईट-भट्ठे के पानी से चलता

अग्निशमन विभाग का काम

यह कार्यालय 24 घटे खुला होता है। न तो यहां कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था है और न ही आग बुझाने के लिए पानी। विभागीय कर्मचारीविश्वनाथ यादव कहते हैं संसाधन के अभाव में काफी परेशानी होती है। पानी भरने के लिए किसी ईट- भट्ठे पर जाना पड़ता है।

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हमेशा खुला रहता है

एसडीपीओ कार्यालय

एसडीपीओ कार्यालय में ही इनका आवास है। इसके कारण लोगों को यहां से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। आवास और कार्यालय एक साथ होने से यह कार्यालय आम लोगों के लिए हमेशा खुला होता है।

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नेट और बिजली की सुविधा

नहीं होने से परेशानी

अनुमंडल पदाधकारी मनोज कुमार विभागीय कार्य से पटना में थे। दूरभाष पर उन्होंने कहा कि कार्यालय का समय नवंबर से फरवरी तक सुबह 10:30 बजे है। सभी कर्मचारी समय से आते हैं। अतरी, मोहड़ा और बथानी प्रख्ाड के आपूर्ति कार्यालय के कार्यपालक अभियंता को राशन कार्ड बनाने के कार्य में लगाया गया है। प्रखंड कार्यालय में नेट और बिजली की सुविधा नहीं रहने के कारण यह व्यवस्था की गई है।

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