पितृपक्ष : पिंडदान करते हुए भी सेल्फी हो जाए

गया में पितरों को मोक्ष दिलाने आए लोग पिंडदान करते हुए मोबाइल फोन से सेल्फी और फोटो खिंचवाते हुए दिख रहे हैं। पूछने पर कहते है कि पिंडदान एक बार होता है। इसलिए अपने कैमरे में इसे कैद करना जरूरी है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2015 09:42 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2015 09:49 AM (IST)
पितृपक्ष : पिंडदान करते हुए भी सेल्फी हो जाए

गया। पितरों को मोक्ष दिलाने आए लोग पिंडदान करते हुए मोबाइल फोन से सेल्फी और फोटो खिंचवाते हुए दिख रहे हैं। पूछने पर कहते है कि पिंडदान एक बार होता है। इसलिए अपने कैमरे में इसे कैद करना जरूरी है। ये परिवार के सदस्यों, दोस्तों व संगे-संबंधी को व्हाट्सएप से पिंडदान करते हुए तस्वीर भेज रहे हैं। फेसबुक पर भी पिक्चर पोस्ट कर रहे हैं।

दिल्ली के चांदनी चौक से आई पम्मी सिन्हा कहती हैं कि पितरों को मोक्ष दिलाने के समय की तस्वीर को फेसबुक व व्हाट्सएप पर पोस्ट कर दिखाने का मकसद यह बताना है कि गयाजी कितना पावन स्थान है। तस्वीर को बाद में हम बेटे-बेटियों को दिखाएंगे कि गयाजी में जाकर पिंडदान कैसे किया जाता है।

छतीसगढ़ से सुजाता दिवनिया अपने पापा कौशल और मां प्रियंका के साथ पिंडदान करने आई हैं। उन सबने अपने पूर्वजों का रविवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में पिंडदान किया। कौशल दिवनिया ने कहा कि गयाजी आकर पूर्वजों ने भी पिंडदान किया था। इसलिए उन्होंने भी गयाजी आकर पिंडदान किया। पूर्वजों ने उस समय पिंडदान करते हुए फोटो नहीं खिंचवाया था, परंतु बेटी सुजाता ने कहा कि पापा पिंडदान करते हुए पहले एक फोटो तो हो जाए।

लखनऊ से आए रौशन सिंह ने कहा कि वह अपने मोबाइल से पूरे पिंडदान को वीडियो बनाकर ले जा रहे हैं। जिन-जिन वेदियों पर पिंडदान होता है। वहां की कुछ तस्वीरें को यादगार बनाने के लिए कैमरे में कैद कर रहे हैं। उसके पिता व मां पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान कर रहे है।

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